अबुधाबी में WTO वार्ता पर किसी ठोस नतीजे की उम्मीद धूमिल होती जा रही है. वार्ताओं के पांचवे दिन साझा बयान लाने की कोशिशें जारी हैं, मगर विवादित मुद्दों को सुलझाने में कोई प्रगति नहीं दिखी है. कृषि, ई-कॉमर्स, फिशिंग पर विकसित देशों की जिद को देखते हुए भारत ने अपना रुख कड़ा कर लिया है. वार्ताओं को बचाने की अंतिम कोशिशों के बीच भारतीय पक्ष से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि भारत ने सहमति बनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन देश के हितों से समझौता नहीं किया जा सकता. उनका इशारा कृषि के मुद्दे पर गतिरोध की तरफ था. एक अधिकारी ने कहा कि WTO को सफल बनाना सबकी जिम्मेदारी है, अकेले भारत की नहीं.
इस बैठक में भारत हर तरह से केंद्र में रहा है. WTO के महानिदेशक और मेजबान अध्यक्ष भारत की मदद से सहमति की आखिरी कोशिश में लगे हैं. वार्ताओं के पांचवे दिन बैठक का समापन सत्र अब स्थानीय समय के अनुसान रात आठ बजे तक बढ़ा दिया गया है. संशोधित कार्यक्रम के अनुसार इसे दोपहर तीन बजे आयोजित होना था.
सहमति बनाने की कोशिश पड़ी कमजोर
सहमति बनाने की कोशिशें भी कमजोर पड़ रही हैं. अमेरिका की व्यापार मंत्री कैथरील ताई वापस लौट गई हैं. महानिदेशक ओकोजों इवेला और मेजबान अमीरात का प्रयास है कि एक बयान पर सबको राजी कर लिया जाए. अलबत्ता व्यापार कूटनीतिकारों के हाव भाव नाउम्मीदी जाहिर कर रहे हैं. कई अधिकारियों का कहना था कि खास मुद्दों पर गतिरोध का जो हाल बैठक के पहले दिन था, वही आज भी है.
राजनीतिक और व्यापार कूटनीति के लिहाज से संतुलित
अलबत्ता भारत के लिए WTO की बैठक राजनीतिक और व्यापार कूटनीति दोनों तरह से संतुलित रही है. व्यापार कूटनीति में भारत ने चीन को निवेश का मुद्दा एजेंडे में लाने से रोक दिया. थाईलैंड की WTO राजदूत की टिप्पणी पर भारत का विरोध थाई राजदूत की वापसी की वजह बना. फिशिंग के मामले में छोटे मछुआरों के हितों को एजेंडे में शामिल कराने में सफलता मिली है. दूसरी तरफ राजनीतिक तौर पर भारत किसानों के हितों से समझौता न करने के लिए संदेश लेकर निकलता दिख रहा है.
भारतीय पक्ष का संकेत है कि खाद्य सुरक्षा और अनाज सब्सिडी के मामले में भारत को बाली बैठक से मिली छूट है. अगर दुनिया के देश इसमें संशोधन चाहते हैं तो उन्हें स्थायी समाधान देना होगा नहीं तो भारत अनाज खरीद की छूट के साथ आगे बढ़ेगा, जो बाली में मिली थी. सूत्रों का कहना है कि ई-कॉमर्स को सीमा शुल्क से मुक्त करने के मामले पर चर्चा जारी है, भारत किसी ठोस आश्वासन के बिना इस प्रावधान को जारी रखने पर सहमत नहीं होगा.
बैठक में अंदरखाने पता चला है कि कृषि और खाद्य भंडारण पर ब्राजील ने सहमति में बाधा डाली है जबकि ई-कॉमर्स छूट जारी रखने पर यूरोपीय समुदाय के देश अडे हुए हैं. विदेश से भारत आने वाले धन यानी रेमिटांस पर अमेरिका ने सख्त रुख अपनाया है जबकि फिशिंग सब्सिडी कम करने के प्रस्ताव को चीन रोक रहा है.