अबूधाबी में विश्व व्यापार संगठन की 5 दिन चली बैठक समाप्त हो गई है. बैठक से पहले अंतरराष्ट्रीय व्यापार के जिन बड़े मुद्दों का हल होने की उम्मीद जताई जा रही थी, वे सारे मुद्दे 5 दिन चली बैठक के बाद भी जस के तस बने हुए हैं और विकसित देशों के अड़ियल रवैये की वजह से उनपर किसी तरह की सहमति नहीं बन पाई है. WTO ने 5 दिन की बैठकों के बाद घोषणा के लिए तैयार ड्राफ्ट अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया है.
नहीं मिली अनाज खरीद कार्यक्रम को कानूनी मान्यता
बैठक से पहले उम्मीद थी कि इस बार WTO के मंच पर भारत के अनाज खरीद कार्यक्रम को वैश्विक स्तर पर कानूनी मान्यता मिलेगी. लेकिन WTO की 13वीं मंत्री स्तरीय बैठक में इसपर कोई फैसला नहीं हो पाया है. सूत्रों से पता चला है कि अनाज खरीद कार्यक्रम को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे पर ब्राजील नहीं माना और उसने एकराय नहीं बनने दी.
सब्सिडी पर रोक लगे
बैठक से भारत यह भी चाहता था कि सुदूर जल में मछली पकड़ने वाले देशों पर सख्ती की जाए और मछली पकड़ने पर दी जाने वाली सब्सिडी पर रोक लगे. सूत्रों से पता चला है कि भारत की इस मांग का चीन ने विरोध किया है और WTO के सदस्य देशों के बीच इस मुद्दे पर एक राय नहीं बनने दी है.
विकसित देशों को फायदा
भारत ने e-Commerce के रास्ते होने वाले इंपोर्ट पर टैक्स लगाने की मांग भी रखी थी और कहा था कि e-Commerce व्यापार से विकसित देशों की कुछ चुनिंदा कंपनियों को ही फायदा हो रहा है. WTO की इस बार की मंत्री स्तरीय बैठक में फैसला हुआ है कि e-Commerce के जरिए होने वाले इंपोर्ट को मिली छूट अगली मंत्री स्तरीय बैठक यानी MC-14 तक बनी रहेगी और उसके बाद यह स्वत: समाप्त हो जाएगी.
भारत की मांग पर जारी काम
WTO की 13वीं मंत्री स्तरीय बैठक को लेकर भारत की एक और बड़ी मांग थी जिसमें कहा गया था कि WTO में विवाद निपटारों में तेजी लाने के लिए जल्द कमेटी का गठन हो. 12वीं बैठक में भी भारत सहित कई सदस्य देशों ने इसकी मांग रखी थी. इस बार की बैठक में कहा गया है कि विवाद निपटारों के लिए बनने वाली कमेटी पर काम हो रहा है.
नहीं रहा संतोषजनक नतीजा
अबूधाबी में हुई WTO की मंत्रीस्तरीय बैठक 26-29 फरवरी के लिए निर्धारित की गई थी, लेकिन 4 दिन तक चली वार्ताओं के बाद बैठक की अवधि को एक और दिन बढ़ाने पर फैसला हुआ. इस फैसले के बाद उम्मीद जगी थी कि इस बार की बैठक में कुछ बड़े मुद्दों पर सहमति बन जाएगी. लेकिन 5 दिन चली बैठकों का नतीजा बहुत संतोषजनक नहीं रहा है.