WTO: भारत पर टिप्पणी थाईलैंड को पड़ी महंगी, राजदूत को वापस बुलाना पड़ा

भारत के साथ टकराव के बाद थाईलैंड ने WTO में अपनी राजदूत पिमाचानोक वोंकोरपोन पिटफील्‍ड को वापस बुला लिया है

WTO: भारत पर टिप्पणी थाईलैंड को पड़ी महंगी, राजदूत को वापस बुलाना पड़ा

अबुधाबी में WTO वार्ता के दौरान थाईलैंड की राजदूत को भारत पर आरोप लगाना और टि‍प्‍पणी महंगी पडी है. वार्ता की मेज पर भारत के साथ टकराव के बाद थाईलैंड ने WTO में अपनी राजदूत पिमाचानोक वोंकोरपोन पिटफील्‍ड को वापस बुला लिया है.

भारत और थाईलैंड के बीच टकराव की यह घटना मंगलवार की है, जब कृष‍ि पर वार्ताओं के दौरान थाईलैंड की राजदूत ने भारत पर खुला आरोप लगाया था. थाईलैंड का कहना था कि भारत सार्वजन‍िक वितरण प्रणाली के सब्सिडी पर अनाज खरीद कर उसे निर्यात करता है. यह विश्‍व व्‍यापार के नियमों के ख‍िलाफ है.

भारत ने इस बयान के विरोध में थाईलैंड के प्रतिन‍िधि का बह‍िष्‍कार कर दिया था. भारतीय पक्ष अब उन बैठकों में हिस्‍सा नहीं ले रहा है जहां थाईलैंड मौजूद है. विवाद इतना बढ़ गया है कि अब थाइलैंड को अपने राजदूत को वापस बुलना पड़ा है.

कृष‍ि सब्‍स‍िडी और खाद्य सुरक्षा पर WTO दो हिस्‍सों में बंट गया है. थाईलैंड के बयान का अमेरिका, कनाडा और आस्‍ट्रेलिया ने स्‍वागत किया. यही देश कृष‍ि के मामले भारत के प्रस्‍ताव को रोक रहे हैं.

भारत चाहता है कि खाद्य सुरक्षा के लिए कृष‍ि सब्‍स‍िडी तय करने के नियम बदले जाएं और आधार वर्ष और मूल्‍यांकन का नया फार्मूला लागू किया जाए. भारत चाहता है कि इस मामले का स्‍थायी समाधान मिले और विकासशील देश अपने किसानों की मदद कर सकें. विकस‍ित देश इसमें किसी रियायत पर राजी नहीं हैं, विरोध के स्‍वर तीखे हैं. ऐसे में सहमति की उम्‍मीद कम लग रही है.

Published - March 1, 2024, 02:10 IST