World Environment Day पर इस राज्‍य का बड़ा फैसला, जंगलों में पांच लाख फलदार पेड़ लगाए जाएंगे

World Environment Day: गोवा सरकार मानव और पशु के टकराव को कम करने के लिए जंगली जानवरों के लिए अपने जंगलों में 100 नए जल निकाय बनाएगी

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Pixabay, Representational Image, दिल्ली सरकार ने पांच पैकेज में शहरी विस्तार सड़क (यूईआर)-II के निर्माण के लिए राजधानी में 6,600 से अधिक पेड़ (Tree) काटने और उनके प्रत्यारोपण की मंजूरी दी है.

Pixabay, Representational Image, दिल्ली सरकार ने पांच पैकेज में शहरी विस्तार सड़क (यूईआर)-II के निर्माण के लिए राजधानी में 6,600 से अधिक पेड़ (Tree) काटने और उनके प्रत्यारोपण की मंजूरी दी है.

World Environment Day: विश्व पर्यावरण दिवस पर गोवा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत जंगलों में पांच लाख फलदार पेड़ लगाए जाएंगे.

विश्व पर्यावरण दिवस गोवा सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि वह मानव और पशु के टकराव को कम करने के लिए जंगली जानवरों के लिए अपने जंगलों में 100 नए जल निकाय बनाएगी.

ये कहा मुख्‍यमंत्री ने

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जारी एक वीडियो संदेश में यह भी कहा कि राज्य वन विभाग जंगलों में पांच लाख फलदार पेड़ लगाएगा. उन्होंने शुक्रवार को एक अलग वीडियो संदेश में कहा था कि राज्य सरकार मानव-पशु टकराव की घटनाओं को कम करने पर काम कर रही है.

उन्होंने शनिवार को अपने संदेश में कहा कि वनों की समृद्ध जैव विविधता के बारे में लोगों को सूचित करने के लिए कुल 250 युवाओं को प्रकृति के मार्गदर्शक के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. सावंत ने कहा, “50 ‘वैद्य मित्र’ हैं, जो हमारे जंगलों में उपलब्ध विभिन्न जड़ी-बूटियों की कटाई करते हैं. ”

राज्य सरकार वनों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए पक्षी उत्सव, टर्टल कंजर्वेशन इवेंट और अन्य विशेष कार्यक्रम आयोजित करती रही है.

उन्होंने कहा कि जैव-विविधता पार्कों के माध्यम से ईको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया गया है, जबकि हरवेलम (उत्तरी गोवा) और धारबंदोरा (दक्षिण गोवा) में नई नर्सरी स्थापित की गई हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मानव-पशु संघर्ष के कारण नुकसान झेलने वाले किसानों को कुल 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया है.

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास

विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ की और से की गई थी. पर्यावरण दिवस की शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम से हुई थी.

इसी दिन यहां पर दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें भारत की ओर से तात्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भाग लिया था.

इस सम्मेलन के दौरान ही संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी नींव पड़ी थी. जिसके चलते हर साल विश्व पर्यावरण दिवस आयोजन का संकल्प लिया गया.

जिससे लोगों को हर साल पर्यावरण में हो रहे बदलाव से अवगत कराया जा सके और पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने के लिए लोगों को समय-समय पर जागरुक किया जा सके.

(पीटीआई इनपुट के साथ)

Published - June 5, 2021, 06:54 IST