बढ़ती टेक्नोलॉजी के उपयोग ने जहां हमारे जीवन को बहुत आसान बना दिया है. वहीं वह हमारे जीवन में इस तरह शामिल हो गई है कि इसके बिना हम जीवन की कल्पना ही नहीं कर सकते हैं. टेक्नोलॉजी का बढ़ा फायदा किसानों को हुआ है. हाल ही में देश में एक सीड जीन बैंक को लॉन्च किया गया है. यह बैंक कृषि की दिशा में एक बड़ा कदम है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिल्ली स्थित पूसा परिसर में नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज (एनबीपीजीआर) में राष्ट्रीय जीन बैंक को लॉन्च किया है. यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जीन बैंक है.
आने वाले समय में बीजों को किस तरह से संरक्षित रखा जाए, इसको ध्यान में रखते हुए 22 करोड़ का निवेशकर इस जीन बैंक को बनाया गया है.
देश में आने वाली भीषण प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकंप, सुनामी या युद्ध जैसी मानवजनित आपदाओं से धरती की बहुमूल्य जैव संपदा पूरी तरह नष्ट न हो, इसके लिए जीन या सीड बैंक बनाएं जाते हैं. इसमें दुर्लभ या लुप्तप्राय प्रजातियों व ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व वाली प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए बीजों या जीवों के जीन को इन बैंकों में रखा जाता है. इनका ये फायदा होता है कि किसी आपदा की स्थिति में इन जीन्स या बीजों से संबंधित प्रजाति को फिर से पैदा किया जा सकता है.
नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज का 100 से अधिक देशों के साथ एक्सचेंज प्रोग्राम चलता है, जिसमें जर्म प्लाज्म का आयात और निर्यात किया जाता है. इसमें बाहर से जो बीज आते हैं उनको पहले क्वारंटाइन किया जाता है और उनकी जांच-पड़ताल की जाती है, इसमें ये देखा जाता है कि कहीं किसी बीज में कीड़ा तो नहीं लगा है.
किसानों की मदद के लिए PGR मैप नामक एक ऐप भी लॉन्च किया गया है. इस ऐप की मदद से किसान अपने आस पास वन्य अनुवांशिक संसाधनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.