वित्त मंत्रालय घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों में चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में पूंजी डालने पर विचार करेगा. इन कंपनियों में पूंजी उनके चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह के प्रदर्शन के आधार पर डाली जाएगी. सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने पिछले साल तीन कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को कारोबार के बजाय मुनाफे पर ध्यान देने और सिर्फ अच्छे प्रस्तावों को स्वीकार करने के लिए कहा था.
सूत्रों ने बताया कि वित्तीय समीक्षा से पता चलेगा कि इस पुनर्गठन से कंपनियों के मुनाफे के आंकड़े और सॉल्वेंसी मार्जिन पर क्या प्रभाव पड़ा है. सॉल्वेंसी मार्जिन वह अतिरिक्त पूंजी है जिसे कंपनियों को संभावित दावा राशि के अतिरिक्त अपने पास रखनी होती है। यह विषम परिस्थितियों में वित्तीय सुरक्षा के रूप में कार्य करता है, जिससे कंपनी को सभी दावों का निपटान करने में मदद मिलती है. सरकार ने पिछले साल तीन बीमा कंपनियों – नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी प्रदान की थी.
इनमें कोलकाता स्थित नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को सबसे अधिक 3,700 करोड़ रुपये दिए गए थे. इसके अलावा दिल्ली की ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी में 1,200 करोड़ रुपये तथा चेन्नई स्थित यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को 100 करोड़ रुपये की पूंजी प्रदान की गई थी.