अभी और बढ़ेगी गेहूं-चावल की महंगाई?

महंगा अनाज सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होने जा रहा है. सोमवार को सरकार की तरफ से जारी रिटेल महंगाई के आंकड़ों में भी यह चुनौती साफ नजर आई.

अभी और बढ़ेगी गेहूं-चावल की महंगाई?

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महंगा अनाज सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होने जा रहा है. सोमवार को सरकार की तरफ से जारी रिटेल महंगाई के आंकड़ों में भी यह चुनौती साफ नजर आई. आंकड़ों में साफ दिखा कि रिटेल महंगाई 6 फीसद के नीचे आने के बावजूद अनाज की महंगाई 13 फीसद के करीब पहुंच चुकी है और अनाज की मांग और सप्लाई का गणित साफ बता रहा है कि आने वाले दिनों में गेहूं, चावल और मक्का की महंगाई घटने की संभावना कम है क्योंकि अधिकतर अनाज की कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं . गेहूं का भाव पहले ही रिकॉर्ड स्तर के करीब है .

दिल्ली में प्रति क्विंटल भाव 2,900 रुपए के ऊपर पहुंच गया है. यही हाल चावल और मक्का का भी है. उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि नवंबर के पहले 10 दिन में चावल का भाव 14 फीसद से ज्यादा बढ़ चुका है. पहली दिसंबर को औसत भाव 35 रुपए था, जो 10 दिसंबर को बढ़कर 40 रुपए तक पहुंच गया .

मक्का की कीमतों में भी हाल के दिनों में जोरदार तेजी दखने को मिली है. पहली दिसंबर को प्रति क्विंटल दिल्ली में मक्का 2,300 रुपए पर बिक रहा था और 12 दिसंबर को भाव बढ़कर 2,375 रुपए हो गया. अनाज की इस महंगाई में आने वाले दिनों में कमी की उम्मीद भी नहीं है. इस साल देश में गेहूं और चावल का उत्पादन कम है.

ऊपर से सरकार के पास गेहूं का स्टॉक भी 14 वर्षों के निचले स्तर पर है.हालांकि धान के कम उत्पादन के बावजूद इस बार सरकार की धान खरीद जरूर पिछले साल से आगे है लेकिन चावल की बढ़ी हुई निर्यात मांग इसकी महंगाई को हवा दे रही है. इस साल अप्रैल से अक्टूबर के दौरान देश से चावल के निर्यात में करीब 8 लाख टन बढ़कर 126 लाख टन के पार पहुंचा है.पिछले साल इस दौरान करीब 118 लाख टन का एक्सपोर्ट हुआ था.

मांग के मुताबिक अनाज की सप्लाई नहीं है जिस वजह से गेहूं, चावल और मक्का महंगे हो गए हैं. यही महंगाई सरकार के रिटेल महंगाई के आंकड़ों में भी दिख रही है और अनाज की इस महंगाई से तब तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है जब तक नई फसल मंडियों में आना शुरू नहीं होती. मार्च से पहले नई फसल भी मंडियों में नहीं आएगी यानी अनाज की यह महंगाई अभी लंबी चलने वाली है और लंबे समय तक सरकार के सामने इसकी चुनौती बनी रहेगी.

Published - December 14, 2022, 11:00 IST