ऑनलाइन गेमिंग पर GST लगने का असर पूरी इंडस्ट्री पर पड़ रहा है. एक समय पर अच्छा प्रदर्शन करने वाली ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां अब फंडिंग की समस्या से जूझ रही हैं. लागत को कम करने के लिए इन कंपनियों को छंटनी का सहारा लेना पड़ रहा है. गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़ी मोबाइल प्रीमियम लीग को टैक्स का बोझ कम करने के लिए 350 कर्मचारियों का निकालना पड़ा था. इसके अलावा हाइक ने अपने 22 फीसद कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
फंडिंग की समस्या से जूझ रही कंपनियां
गेमिंग कंपनियां पहले निवेश के लिहाज बड़े निवेशकों के लिए आकर्षण केंद्र थीं. कई बड़े निवेशक ऐसी गेमिंग कंपनियों में निवेश का मन बना रहे थे. विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही गेमिंग कंपनियों के पास अच्छा कैश फ्लो हो, लेकिन जीएसटी के फैसले से इनसे प्राइवेट इक्विटी दूर होगी. ऐसे में कई छोटी कंपनियां काम बंद करने को मजबूर हैं. कई कंपनियां बड़ी कंपनियों में विलय के मौके तलाश रही हैं.
कंपनियां कर रही हैं छंटनी
MPL GST दर में वृद्धि के बाद खर्च में कटौती के मकसद से करीब 350 लोगों की छंटनी की है. MPL के सह-संस्थापक साई श्रीनिवास ने कर्मचारियों को भेजे एक ई-मेल में कहा है कि नए नियमों से हमारा कर बोझ 350-400 फीसद तक बढ़ जाएगा. उनका कहना था कि वो 50 या 100 फीसद वृद्धि के लिए तैयार थे लेकिन इस मात्रा में अचानक वृद्धि की वजह से उन्हें कुछ कड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं. वहीं रश गेमिंग यूनिवर्स का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी ने हाइक ने 55 कर्मचारियों की छंटनी की है, जो उसके कुल कर्मचारियों का 22 फीसद है. हाइक के सीईओ कविन भारती मित्तल ने भी बढ़ती लागत को ही छंटनी की वजह बताया है.