त्योहारी सीजन में ऑटो इंडस्ट्री के आएंगे 'अच्छे दिन', टू-व्हीलर क्यों नहीं बिक रहे!

वाहन उद्योग के लिए ये समय बड़ा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि साल के आखिरी चार महीने ही ऑटो बिक्री के लिए सबसे महत्वसपूर्ण माने जाते हैं.

त्योहारी सीजन में ऑटो इंडस्ट्री के आएंगे 'अच्छे दिन', टू-व्हीलर क्यों नहीं बिक रहे!

साढ़े तीन साल बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सितंबर 2022 में 64 हजार वाहनों की आपूर्ति कर अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा है. इससे पहले ये रिकॉर्ड 60,000 आंकड़े का था. महिंद्रा एंड महिंद्रा के पूर्व डायरेक्टर पवन गोएनका का कहना है कि ये नया रिकॉर्ड ज्याादा देर तक नहीं टिकेगा क्योंकि अगले महीने एक नया रिकॉर्ड बनेगा.

ये बयान ऑटो इंडस्ट्री में कोरोना के बाद लौट रही तेजी की ओर इशारा कर रहा है क्योंकि सितंबर का महीना ऑटो इंडस्ट्री के लिए पिछले एक दशक में सबसे अच्छा जो साबित हुआ है. वाहन उद्योग के लिए ये समय बड़ा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि साल के आखिरी चार महीने ही ऑटो बिक्री के लिए सबसे महत्वसपूर्ण माने जाते हैं. खरीफ की प्रमुख फसल धान की बिक्री से ग्रामीण बाजार में डिमांड निकलती है तो त्योाहारी सीजन शुरू होने से शहरों में भी गाड़ियों की बिक्री बढ़ जाती है.

यात्री वाहनों की बिक्री इस साल सितंबर में बिक्री के मामले में महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है. 2022 के सितंबर में वाहनों की थोक बिक्री ने एक नया मंथली रिकॉर्ड बनाया है. सितंबर महीने में 3 लाख 55 हजार 946 वाहन फैक्ट्री से निकलकर शोरूम में पहुंचे. मासिक आधार पर अगस्त की तुलना में इसमें 26 फीसदी की ग्रोथ हुई है. पिछले साल सितंबर की तुलना में इस साल सितंबर में 121 फीसदी ज्यादा गाड़ियां बिकी हैं जबकि 2020 की तुलना में देखा जाए तो ये बढ़ोतरी 30 फीसदी से ज्यादा है.

वाहनों की बिक्री में हुई इस बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं. पहला तो सबसे बड़ा कारण है सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में सुधार आना. इससे वाहनों का उत्पादन बढ़ा है. वाहनों के बनने की रफ्तार बढ़ने से डीलर्स के पास आपूर्ति बढ़ी है और सबसे बड़ी वजह है फेस्टिव सीजन की वजह से ग्राहकों की मजबूत मांग.

देश में ऑटो डीलर्स के प्रमुख संगठन फाडा का भी कुछ ऐसा ही कहना है. ऑटो कंपनियों से डीलर्स को होने वाली आपूर्ति सुधरने और फेस्टिव सीजन शुरू होने की वजह से सिंतबर में वाहनों की खुदरा बिक्री 11 फीसदी बढ़ी है. फाडा की मानें तो सितंबर महीने में कुल 14 लाख 64 हजार वाहनों की बिक्री हुई है. इसमें दो-पहिया, तीन-पहिया, चार-पहिया और कमर्शियल वाहन सभी शामिल हैं.

मानसून सीजन में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में धान का रकबा घटने का असर दोपहिया और ट्रैक्टर की बिक्री पर भी पड़ा है. फाडा के मुताबिक पैसेंजर व्‍हीकल श्रेणी में सबसे ज्याहदा 44 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है. वहीं तिपहिया, ट्रैक्टर और कमर्शियल व्हीलकल श्रेणी में क्रमश: 6 फीसदी, 37 फीसदी और 17 फीसदी की ग्रोथ हुई है.

जहां एक ओर पैसेंजर व्हीकल की बिक्री अपने एक दशक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है. वहीं दोपहिया सेगमेंट अकेला ऐसा सेगमेंट है जहां ऑटो इंडस्ट्री अभी भी ग्रीन जोन में आने का इंतजार कर रही है. फेस्टिव सीजन के बावजूद सितंबर में दोपहिया बिक्री में 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.

ये तो रही सितंबर में हुई बिक्री की बात लेकिन क्या अक्टूबर में भी बिक्री की रफ्तार अपने टॉप गियर में बनी रहेगी. इस पर फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया का कहना है कि सेमीकंडक्टर की आपूर्ति सुधरने से कारों की उपलब्धता बेहतर होने और आधुनिक खूबियों से लैस नए मॉडलों की पेशकश से उपभोक्ता अपना पसंदीदा वाहन खरीदने के लिए डीलरों के पास बड़ी संख्या में आ रहे हैं. इसलिए अक्टूबर के महीने में खुदरा बिक्री की संख्या इससे भी अधिक रहने की संभावना है क्योंकि इस महीने दशहरा और दिवाली होने से उपभोक्ताओं की मांग अधिक रहने की उम्मीद है.

Published - October 7, 2022, 01:05 IST