7 साल के निचले स्तर पर गेहूं का स्टॉक

FCI के मुताबिक मार्च महीने की शुरुआत में राज्यों के गोदामों में गेहूं का स्टॉक 9.7 मिलियन टन था.

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सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक 7 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. गेहूं का स्टॉक घटकर घटकर 9.7 मिलियन मीट्रिक टन रह गया है जो कि 2017 के बाद से सबसे कम है. सप्लाई बढ़ाने और स्थानीय बाजार में बढ़ते दाम पर अंकुश लगाने के लिए घरेलू बाजार में गेहूं की बिक्री की गई है जिससे स्टॉक में कमी आई है. भारतीय खाद्य निगम यानी FCI के मुताबिक मार्च महीने की शुरुआत में राज्यों के गोदामों में गेहूं का स्टॉक 9.7 मिलियन टन था, जबकि मार्च 2022 में स्टॉक 11.7 मिलियन टन था.

सप्लाई में कमी के बावजूद सरकार की ओर से गेहूं के आयात पर लगी 40 फीसद शुल्क में कटौती या फिर उसे हटाने की उम्मीद नहीं है. साथ ही सरकार ने रूस जैसे शीर्ष सप्लायर्स से सीधे आयात को प्रोत्साहित करने के आह्वान का विरोध किया है. सरकार ने इसके बजाय आटा मिलों और बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक खरीदारों को गेहूं की बिक्री के लिए राज्यों के स्टॉक का सहारा लिया है. बता दें कि पिछली फसल की कटाई के बाद से सरकार के द्वारा निर्धारित न्यूनतम खरीद मूल्य से गेहूं का भाव ऊपर हैं. ऐसे में बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार अपने गोदामों से स्टॉक निकाल रही है.

बता दें कि जून 2023 में सरकार ने निजी कारोबारियों को गेहूं की बिक्री शुरू की थी. पिछले महीने के आखिर तक सरकार ने 9 मिलिटन टन से ज्यादा गेहूं की बिक्री की थी. गौरतलब है कि 2020 में भारत ने कोविड लॉकडाउन के दौरान अनाज की कमी को दूर करने के लिए करोड़ों भारतीयों को मुफ्त गेहूं बांटा गया था. 2022 में तापमान में बढ़ोतरी की वजह से उत्पादन कम होने के बाद भारत ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. रूस-यूक्रेन संघर्ष की वजह से वैश्विक बाजार में सप्लाई कम होने से गेहूं की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिली थी.

Published - March 12, 2024, 08:09 IST