इस साल गेहूं की 30% ज्यादा खरीदारी, 37 लाख से ज्यादा किसानों को हुआ फायदा

चालू रबी सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 72,406.11 करोड़ रुपये की खरीद से करीब 37.15 लाख किसानों को फायदा हुआ है.

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जब योजना के तहत काम की मांग करने वाले व्यक्तियों की संख्या 1.92 करोड़ थी. पर्सनडे का मतलब है प्रतिदिन काम करने वाले लोगों की संख्या का काम करने वाले दिनों की संख्या से गुना

जब योजना के तहत काम की मांग करने वाले व्यक्तियों की संख्या 1.92 करोड़ थी. पर्सनडे का मतलब है प्रतिदिन काम करने वाले लोगों की संख्या का काम करने वाले दिनों की संख्या से गुना

इस साल गेहूं की बंपर खरीदारी हुई है. पिछले सीजन में 282.69 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी, जबकि इस सीजन में 14 मई 2021 तक 366.61 लाख टन गेहूं की खरीद की गई है. पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष अब तक 30% से अधिक गेहूं की खरीद हुई है.

खरीफ सीजन 2020-21 और रबी खरीद सीजन 2021-22 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर में गेहूं की खरीद अभी भी चल रही है. चालू रबी सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 72,406.11 करोड़ रुपये की खरीद से करीब 37.15 लाख किसानों को फायदा हुआ है.

धान की खरीद भी बढ़ी

इस वर्ष 14 मई तक कुल 742.41 लाख टन (खरीफ फसल 705.52 लाख मीट्रिक टन और रबी फसल 36.89 लाख मीट्रिक टन) से अधिक धान की खरीद हुई है. पिछले साल इसी अवधि में 687.24 लाख टन की खरीद की गई थी. इस खरीफ सीजन के खरीद अभियान के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 1,40,165.72 करोड़ रुपये की खरीद की गई, जिससे लगभग 1.11 करोड़ किसानों को फायदा हुआ है.

मूल्य समर्थन योजना के तहत राज्यों को दी गई खरीद की मंजूरी

राज्यों के प्रस्ताव के आधार पर मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों को खरीफ और रबी की फसल न्यूनतम मूल्य पर खरीदने की मंजूरी दी गई.

इसके तहत खरीफ खरीद सीजन 2020-21 और रबी खरीद सीजन 2021 के लिए 107.37 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद राज्यों द्वारा की गई.

आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के लिए नारियल (बारहमासी फसल) के 1.74 लाख मीट्रिक टन की खरीद के लिए भी केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दी गई.

आगे मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत दलहन, तिलहन और नारियल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर अन्य राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के लिए भी खरीद की मंजूरी दी जाएगी ताकि संबंधित राज्यों/केन्द्र–शासित प्रदेशों में फसल कटाई की अधिसूचित अवधि के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम बिकने पर केन्द्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा एमएसपी (MSP) पर सीधे किसानों से खरीदा जा सके.

तिलहन और दलहन की हुई इतनी खरीद

खरीफ खरीद सीजन 2020-21 और रबी खरीद सीजन 2021 के तहत 14 मई 2021 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के जरिए 6,69,411.32 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, अरहर, चना, मसूर, मूंगफली, सरसों के बीज और सोयाबीन की खरीद की है. इस क्रम में न्यूनतम समर्थन के आधार पर 3,507.80 करोड़ रुपये की खरीद की गई है.

इस प्रक्रिया से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान के 4,01,265 किसानों को फायदा हुआ है.

इसी प्रकार 14 मई 2021 तक कर्नाटक में 52.40 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 5,089 मीट्रिक टन नारियल (बारहमासी फसल) की खरीद कर कर्नाटक के किसान लाभान्वित हुए.

तमिलनाडु के भी 3,961 किसान लाभान्वित हुए हैं. संबंधित राज्यों/केन्द्र–शासित प्रदेशों की सरकारें दलहन और तिलहन की आवक के आधार पर खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रही हैं.

Published - May 16, 2021, 05:13 IST