अमेरिका में बैंकिंग संकट और मंदी की आशंका की चिंताओं के बीच दिग्गज निवेशक शनिवार को बर्कशायर हैथवे इंक की सालाना आम बैठक (AGM) की अध्यक्षता कर रहे हैं. इस बैठक में कंपनी के चेयरमैन एवं सीईओ वारेन बफे और वाइस चेयरमैन चार्ली मुंगेर पांच घंटे तक शेयर होल्डरों के सवालों का जवाब देंगे. अमेरिका और यूरोप में छाए आर्थिक संकट के बीच बफे की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है. अमेरिका के प्रमुख शहर ओमाहा में आहूत होने वाली इस बैठक में शामिल होने के लिए निवेशकों में भारी उत्साह है. अमेरिका में संकट के दौर से गुजर रहे बैंकिंग उद्योग के बारे में बफे क्या कहते हैं और भविष्य के लिए उनकी क्या रणनीति होगी, इसको लेकर निवेशकों में भारी उत्सुकता है. अमेरिका में फिलहाल मंदी आने की आशंका जताई जा रही है. अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा हैं, अमेरिकी सरकार की कर्ज लेने की सीमा एक जून को खत्म हो रही है. जाहिर तौर पर निवेशक इस तरह के तमाम सवाल भी पूछेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बारे में बफे और बर्कशायर हैथे के वाइस चेयरमैन क्या बोलेंगे, इस बारे में सुनने के लिए भी बैठक में निवेशकों की भारी भीड़ जुट रही है.
बर्कशायर के उत्तराधिकारी की घोषणा?
इस बैठक को लेकर एक और बड़ी उत्सुकता यह है कि बफे अब 93 साल के हो रहे हैं. इस बैठक में बर्कशायर के उत्तराधिकारी की भी घोषणा हो सकती है. माना जा रहा है कंपनी के वाइस चेयरमैन ग्रेग अबेल को कंपनी का नया सीईओ बनाया जा सकता है. इस बात को निवेशक भी जानते हैं कि वयोवृद्ध होने की वजह बफे और कंपनी के वाइस चेयरमैन चार्ली मुंगेर का कार्यकाल अब ज्यादा समय नहीं रहेगा.
दरअसल, अमेरिका में महंगे हो रहे कर्ज की वजह से वहां पर कई छोटे और मझोले बैंक संकट में फंस गए हैं. सिलिकॉन वैली बैंक, फर्स्ट रिपब्लिक और सिग्नेचर बैंक सबसे पहले इस संकट की भेंट चढ़े हैं. अब पैकवेस्ट बैनकॉर्प और वेस्टर्न अलाइंस बैनकॉर्प भी इसी तरह के संकट का सामना कर रहे हैं. अमेरिकी शेयर बाजार में इन बैंकों के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है.
आगाह कर चुके हैं बफे
अमेरिका के बैंकिंग संकट पर वारेन बफे निवेशकों को आगाह कर चुके हैं. पिछले महीने ही उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि बैंकिंग संकट पहली बार नहीं है. पहले भी अमेरिका में इस तरह की स्थिति देखने तो मिली है और आने भविष्य में भी ऐसे और भी बैंकिंग संकट आ सकते हैं. हालांकि लोगों को इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि छोटे निवेशकों के पैसे फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) के पास सुरक्षित हैं. भले ही बैंक डूब जाए लेकिन ज्यादातर निवेशकों के पैसे सुरक्षित हैं. अमेरिका में एफडीआईसी बैंक डूबने पर जमाकर्ता को 2.5 लाख डॉलर तक की गारंटी देता है.
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