कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने रविवार को दावा किया कि पुणे में 5जी परीक्षण के दौरान उसने 3.7 गीगाबिट प्रति सेकेंड (जीबीपीएस) की सर्वोच्च गति हासिल की है, जो भारत में किसी भी दूरसंचार सेवाप्रदाता द्वारा हासिल की गयी सबसे तेज गति है. कंपनी ने गांधीनगर और पुणे में मिड-बैंड स्पेक्ट्रम में 1.5 जीबीपीएस डाउनलोड की गति दर्ज करने का भी दावा किया है.
हासिल की अब तक की सबसे ज्यादा स्पीड
दूरसंचार विभाग (DOT) ने वोडाफोन आइडिया को 5G नेटवर्क परीक्षणों के लिए पारंपरिक 3.5 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड के साथ-साथ 26 गीगाहर्ट्ज (जीएचजेड) जैसे हाई फ्रीक्वेंसी बैंड आवंटित किए हैं. कंपनी ने एक बयान में कहा, “वोडाफोन आइडिया ने पुणे शहर में क्लाउड कोर, नयी पीढ़ी के ट्रांसपोर्ट और रेडियो एक्सेस नेटवर्क के एंड-टू-एंड कैप्टिव नेटवर्क के लैब सेट-अप में अपना 5G परीक्षण तैनात किया है.” इसमें कहा गया, “इस परीक्षण में, वोडाफोन आइडिया ने एमएमवेव (मिलीमीटर वेव) स्पेक्ट्रम बैंड पर बहुत कम विलंबता के साथ 3.7 GBPS से अधिक की सर्वोच्च गति हासिल की है.”
अच्छे रिजल्ट्स से हैं खुश
वहीं Vodafone Idea के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर जगबीर सिंह ने कहा कि हम सरकार द्वारा अलॉट 5G स्पेक्ट्रम बैंड पर 5G ट्रायल के शुरुआती लेवल्स में स्पीड और लैटेंसी रिजल्ट्स से खुश हैं. उन्होंने कहा कि देशभर में एक मजबूत 4G नेटवर्क स्थापित करने, सबसे तेज 4G स्पीड और 5G के लिए तैयार नेटवर्क देने के बाद, वीआई अब नेक्स्ट जनेरेशन की 5G टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग कर रही है, जिससे भविष्य में भारत में इंडस्ट्री और कंज्यूमर्स को बेहतरीन डिजिटल एक्सपीरिएंस मिल सके.
रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन और एमटीएनएल को मिली है मंजूरी
दूरसंचार विभाग ने इस साल मई में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन तथा बाद में एमटीएनएल के आवेदनों को मंजूरी दी थी. उन्हें दूरसंचार उपकरण निर्माताओं – एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट के साथ छह महीने के परीक्षण के लिए मंजूरी दी गयी है. बता दें कि रिलायंस जियो ने अगले साल तक 5G को लाने का दावा किया है.