Vaccine: भारत सरकार 14,505.75 करोड़ रुपये की लागत से कोरोना के खिलाफ जंग के लिए 660 मिलियन वैक्सीन (Vaccine) खरीदेगी. इसे अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर बताया जा रहा है. इस आर्डर में कोविशील्ड और को-वैक्सीन दोनों शामिल हैं.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक को 660 मिलियन कोविड -19 वैक्सीन खुराक का ऑर्डर दिया गया है.
सरकार का लक्ष्य अगले पांच महीनों में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड की 375 मिलियन और भारत बायोटेक के को-वैक्सीन की 285 मिलियन खुराक प्राप्त करने का है.
वैक्सीनेशन के लिए दिया गया यह ऑर्डर 25 जून को सुप्रीम कोर्ट में दायर स्वास्थ्य मंत्रालय के हलफनामे के अनुमानों के अनुरूप है. कोर्ट में दिए गए एक हलफनामे में अगस्त से दिसंबर के बीच 135 करोड़ डोज उपलब्ध होने की बात कही गई थी.
इस अनुमान में 500 मिलियन कोविशील्ड खुराक, कोवैक्सीन की 400 मिलियन, बायोलॉजिकल ई की सब यूनिट वैक्सीन के 300 मिलियन, जाइडस कैडिला के डीएनए वैक्सीन के 50 मिलियन और स्पुतनिक वी की 100 मिलियन खुराक शामिल हैं.
सरकार ने अपने नए ऑर्डर में कोविशील्ड के लिए 215.25 रुपये प्रति डोज और कोवैक्सीन के लिए 225.75 रुपये प्रति डोज जीएसटी सहित तय किया है. पहले इसकी कीमत सरकार ने 157.50 रुपये प्रति डोज तय की थी.
भारत बायोटेक ने पिछले महीने अपने एक बयान में कहा था, “भारत सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक पर कोवैक्सीन की आपूर्ति कीमत एक गैर-प्रतिस्पर्धी मूल्य है.” दोनों वैक्सीन निर्माता निजी क्षेत्र के अस्पतालों को ज्यादा कीमत पर वैक्सीन मुहैया करा रहे हैं.
केंद्र सरकार ने कॉर्बेवैक्स वैक्सीन की 300 मिलियन खुराक के लिए बायोलॉजिकल-ई के साथ अपनी बातचीत को अंतिम रूप दे दिया है.
एक जानकारी के मुताबिक सरकार पहले ही कॉर्बेवैक्स के लिए 1,500 करोड़ रुपये के भुगतान पर एडवांस बुकिंग कर चुकी है. इस आदेश के साथ सरकार सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में दिए गए वादे को पूरा करने के लिए तैयार है.
दिए गए नए आदेश के अनुसार, दिसंबर तक कोवीशील्ड की 500 मिलियन खुराक का निर्माण किया जाएगा, जिसमें से केंद्र सरकार को 375 मिलियन खुराक मिलेंगी.
तकरीबन 380 मिलियन को-वैक्सीन खुराक का उत्पादन किया जाएगा, जिसमें से केंद्र को 285 मिलियन खुराक मिलेगी. भारत सरकार का लक्ष्य है कि इस साल के अंत तक 18 साल से अधिक आयु के सभी नागरिकों को वैक्सीन लगा दिया जाए.