उत्तराखंड सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर देगी सब्सिडी, जानिए किस गाड़ी पर कितना होगा फायदा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहनों की घोषणा की

Uttarakhand To Give Incentives On Sale Of Electric Vehicles

राज्य में निजी उपभोक्ताओं को बिकने वाले पहले 5,000 दुपहिया और पहले एक हजार चार पहिया वाहनों पर यह प्रोत्साहन उपलब्ध होगा.

राज्य में निजी उपभोक्ताओं को बिकने वाले पहले 5,000 दुपहिया और पहले एक हजार चार पहिया वाहनों पर यह प्रोत्साहन उपलब्ध होगा.

पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की बढ़ती कीमतों की तोड़ इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) है. लेकिन इसकी अधिक कीमत होने से लोग इसे खरीदने से कतराते हैं. यही वजह है कि इस पर केंद्र सरकार भारी सब्सिडी (Subsidy) देती है. केंद्र सरकार की देखा-देखी ही राज्य सरकारें भी इस पर सब्सिडी देने लगी है. इसी सूची में अब उत्तराखंड भी शामिल हो गया है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने की घोषणा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहनों की घोषणा की. राज्य में पर्यावरण अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने और वाहन प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया. धामी ने हिमालय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित वेबिनार के दौरान यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन पर यह प्रोत्साहन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिया जायेगा.

किस वाहन पर कितनी राशि

राज्य में निजी उपभोक्ताओं को बिकने वाले पहले 5,000 दुपहिया और पहले एक हजार चार पहिया वाहनों पर यह प्रोत्साहन उपलब्ध होगा. प्रोत्साहन राशि का ब्यौरा देते हुये उन्होंने कहा कि दुपहिया वाहनों के मामले में प्रोत्साहन राशि उनके कीमत के दस प्रतिशत अथवा 7,500 रुपये जो भी कम होगी दी जायेगी.

4 पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में उनके दाम का 5 फीसदी या 50,000 रुपये जो भी कम होगा वह राशि दी जाएगी.

धामी ने कहा कि प्रोत्साहन राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिये बैक एंडेड सब्सिडी के तौर पर बैंकों, वित्तीय संस्थानों और डीलरों को दी जायेगी. इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये बनाये जाने वाले पहले 250 चार्जिंग स्टेशनों पर लगने वाला इलेक्ट्रिक अधिभार दो साल तक घरेलू श्रेणी में रखा जायेगा.

उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अथवा संस्थान इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये चार्जिंग स्टेशन खोल सकता है. इसके लिये नगर निगम से अनुमति लेनी होगी. वेबिनार को संबोधित करते हुए, धामी ने कहा कि पर्यावरण और हिमालय का संरक्षण एक सामूहिक जिम्मेदारी है जिसे सभी को ईमानदारी से पूरा करना है. इसके लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इस मुद्दे पर हिमालयी राज्यों का एक सम्मेलन भी आयोजित किया जा सकता है.

असम में लागू हुई इलेक्ट्रिक वाहन नीति

असम इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति की घोषणा करनेवाला भारत का सबसे नया राज्य हो गया है. असम सरकार ने अगले पांच वर्षों में कम-से-कम दो लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़क पर उतारेगी. नयी नीति के तहत साल 2026 तक राज्य में नये पंजीकृत वाहनों में 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन के होने का लक्ष्य रखा गया है.

Published - September 10, 2021, 05:40 IST