Uttar Pradesh: गेहूं खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार अब ई-पॉप मशीनों का इस्तेमाल करेगी. गेहूं की खरीद में इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप) डिवाइस का प्रयोग करने वाला यूपी (Uttar Pradesh) अब देश का पहला राज्य बन गया है. इन मशीनों की मदद से गेहूं खरीद में धांधली और गड़बड़ी की आशंका समाप्त हो जाएगी. जिसके चलते किसानों को अनाज के हर दाने का भुगतान सीधा उनके खाते में मिलेगा. राज्य (Uttar Pradesh) के किसान अब अपने ही राज्य की मंडियों में किसान इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज यानी कि ई-पॉप डिवाइस के माध्यम से गेहूं की बिक्री कर सकेंगे. यूपी सरकार के अनुसार, ई-पॉप मशीन से खरीद करने पर किसानों को कुल तौल की गई गेहूं की मात्रा व गेहूं के मूल्य की प्रिंटेड रसीद तत्काल दी जाएगी.
कोविड गाइडलाइन्स का पालन करने के निर्देश
प्रदेश सरकार ने किसानों के लिये एक और कदम उठाया है, जिसमें किसानों को केवल अंगूठा लगाकर आधार प्रमाणीकरण व सत्यापन कराते हुए सरकारी क्रय केंद्रों से गेहूं खरीद की सुविधा मिलेगी. प्रदेश के विभिन्न जनपदों में ई-पॉप मशीनें सरकार द्वारा उपलब्ध करा दी गई हैं. देश के इतिहास में यह पहली बार है, जब कोई अनाज खरीद प्रक्रिया में कृषक उत्पादक संगठनों को भी शामिल किया गया है. इसके अलावा खरीद केंद्रों पर ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश भी अफसरों को दिए गए हैं.
इसके अलावा कोविड को देखते हुए खरीद केंद्रों पर पहुंचने वाले हर किसान का तापमान चेक किया जा रहा है. भी केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध
कोरोना के चलते भीड़ इकट्ठी न हो इसके लिए खरीद केंद्रों पर राज्य सरकार ने पहले से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की व्यवस्था की है. जिसके तहत, टोकन नंबर के हिसाब से किसान अपनी बारी आने पर खुद केंद्र पहुंच कर गेहूं बेच सकेंगे. इसके अलावा राज्य सरकार किसानों को उनके खेत के 10 किलोमीटर के दायरे में खरीद केंद्र उपलब्ध करा रही है, ताकि किसानों को गेहूं बेचने के लिए ज्यादा दूरी तय न करनी पड़े.
इन जिलों में ई-पॉप के जरिए खरीद शुरु
राज्य के खाद्य एवं रसद विभाग के अनुसार इस बार गेहूं की खरीद इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज डिवाइस के जरिए हो रही है. इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज एक मशीन है, जिस पर अंगूठा लगाकर कोटे से राशन मिलता है. इस मशीन के जरिए पहली खरीद बीते 7 अप्रैल को मुरादाबाद जिले में विपणन शाखा क्रय केन्द्र कुन्दरकी पर हुई. मुरादाबाद के अलावा बरेली, रामपुर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, आगरा आदि जिलों में भी ई-पॉप मशीन के माध्यम से खरीद प्रारम्भ हो गई है.
3.78 लाख किसानों ने गेहूं की बिक्री के लिए कराया है रजिस्ट्रेशन
उत्तर प्रदेश के खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि प्रदेश में 3.78 लाख किसानों ने गेहूं की बिक्री के लिए पंजीकरण कराया है. विभिन्न जिलों में कुल 5255 किसानों से 29529.68 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है. सरकारी दर पर अपना गेहूं बेचने के लिए किसानों को राज्य खाद्य तथा रसद विभाग की वेबसाइट www.fcs.up.gov.in पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है. पंजीकरण की यह प्रक्रिया 1 मार्च, 2021 से जारी हैं. ऐसे में किसान स्वयं या फिर साइबर कैफे या जन-सुविधा केन्द्र के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं.
यूपी सरकार ने बनाया ये रिकॉर्ड
राज्य सरकार ने दावा किया है 25,53,804 धान किसानों को 23,328.80 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है, जो कि प्रदेश में अब तक का रिकॉर्ड है. आंकड़ों के मुताबिक, योगी सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में 3345065 किसानों से कुल 162.71 लाख मी. टन गेहूं की खरीद की. प्रदेश में सबसे ज्यादा 24256 क्रय केंद्रों के जरिये खरीदे गए गेहूं के लिए राज्य सरकार ने किसानों को कुल 29017.71 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया है.