संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा सचिव (Us Defence Secretary) जनरल लॉयड जे ऑस्टिन 19 से 21 मार्च तक भारत का दौरा करेंगे. अपनी यात्रा के दौरान वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ वार्ता करेंगे. अपनी पहली विदेश यात्रा के हिस्से के रूप में सचिव (Us Defence Secretary) ऑस्टिन भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की ताकत पर जोर देंगे.
यात्रा के दौरान दोनों पक्षों द्वारा द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों एवं स्वतंत्र, खुला एवं समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाये रखने के साझे हितों पर विचार विमर्श करने की संभावना है. रक्षा सहयोग के बारे में चर्चा इस बात पर भी केंद्रित होगी कि दोनों देश अपने सैन्य बलों के बीच आपसी सहयोग एवं रक्षा व्यापार और उद्योग सहयोग को कैसे मजबूत कर सकते हैं.
बता दें कि रक्षा सचिव (Us Defence Secretary) जनरल लॉयड जे ऑस्टिन ने ट्विटर पर लिखा, “मैं रक्षा सचिव के रूप में अपनी पहली विदेश यात्रा पर हूं. मैं अपने समकक्षों और साझेदारियों के महत्व पर चर्चा करने के लिए अपने समकक्षों और अन्य अधिकारियों से मिलूंगा और साथ में हम एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेंगे. मैं अपने समकक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने के लिए भारत की यात्रा करूंगा और अन्य वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा सम्बन्धी नेताओं से अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी को मजबूत करने और दोनों देशों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा करूंगा.”
अमेरिकी सेना के वाइस चीफ के पद पर रह चुके हैं लॉयड
अमेरिका के रक्षा सचिव (मंत्री) बनने से पहले लॉयड जेम्स ऑस्टिन अमेरिकी सेना के वाइस चीफ (फॉर स्टार जनरल) के पद पर रह चुके हैं और वे पहले अमेरिकी-अफ्रीकी मूल के रक्षा सचिव हैं. वे ईराक और दूसरे खाड़ी देशों में तैनात अमेरिका की सेंट्रल कमान के कमांडर के पद पर भी अपने सेवाएं दे चुके हैं.
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुताबिक, लॉयड ऑस्टिन अपनी इंडो-पैसेफिक यात्रा के दौरान सबसे पहले 13 मार्च को हवाई-आईलैंड स्थित इंडो-पैसेफिक कमांड के मुख्यालय पहुंचेंगे और वहां पर टॉप कमांडरों और सैनिकों से मुखातिब होंगे, क्योंकि रक्षा विभाग इंडो-पैसेफिक को एक ‘प्रायोरिटी थियेटर’ मानता है.
हवाई के बाद लॉयड ऑस्टिन जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा पर जाएंगे. इस दौरान अमेरिकी (विदेश) सचिव, एंटनी बिलेंकन भी उनके साथ मौजूद रहेंगे और दोनों देशों के समकक्षों के साथ टू-प्लस-टू मीटिंग करेंगे.
अमेरिका बयान में साफ तौर से कहा गया कि लॉयड ऑस्टिन की इंडो-पैसेफिक देशों की यात्रा का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय रक्षा संबंधों को तो मजबूत करना है ही “अंतर्राष्ट्रीय नियमों, कानून और मानदंडों के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेंगा.” अमेरिका का ये इशारा सीधे चीन की तरफ था जो दक्षिणी चीन सागर में दूसरे देशों की उपस्थिति का विरोध करता आया है.