दिल्ली सरकार शहर के 32 क्षेत्रों में से 20 क्षेत्रों के शराब लाइसेंसों की नीलामी से 5,300 करोड़ रुपए की कमाई कर चुकी है. दिल्ली सरकार अब नई उदारीकृत शराब नीति (liberalised liquor policy) से कुछ महीनों में रिकॉर्ड 10,000 करोड़ की कमाई करके अपने उत्पाद शुल्क राजस्व को दोगुना करने की तैयारी में है.
सरकार का अनुमान है कि बचे हुए 12 क्षेत्रों में लाइसेंस की नीलामी से 3,180 करोड़ रुपये और उत्पाद शुल्क, आयात शुल्क, मूल्य वर्धित कर(value added tax) और अन्य लाइसेंस शुल्क से 650 करोड़ रुपये कमाएं जा सकते हैं. सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक नए ब्रांडों के लाइसेंस, वितरक लाइसेंस इत्यादि से 900 करोड़ से 1,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है.
दिल्ली सरकार की आबकारी नीति बोली उसके अनुमान से भी ज्यादा सफल रही है. नीति लागू होने के पहले वर्ष में सरकार उत्पाद राजस्व के आंकड़ों को 10,000 करोड़ रुपए तक ले जाने के लिए तैयार है.
यह राजधानी के लिए एक नया रिकॉर्ड होगा, और वार्षिक आय वृद्धि दर को मौजूदा 5-7 फीसद से 30 फीसद तक बढ़ा देगा. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में शहर का औसत राजस्व लगभग 5,500 करोड़ रुपए सालाना रहा है. यह नई नीति 11 जून को लागू की गई थी. गुरुवार को सोलह और शुक्रवार को चार जोनों की नीलामी की गई.
शराब नीति में कई बड़े बदलाव भी किए गए हैं जैसे शराब पीने की कानूनी उम्र को 25 से घटाकर 21 करना, राज्य को खुदरा शराब के कारोबार से बाहर करना, एक वर्ष में ड्राई डे की संख्या को 21 से घटाकर 3 करना जैसे कई अहम बदलाव किए गए हैं. दिल्ली आबकारी (संशोधन) नियम, 2021 ने शहर को 32 क्षेत्रों में विभाजित किया और निजी आवेदकों को लाइसेंस प्रति दुकान के बजाय प्रति क्षेत्र के हिसाब से आवंटित किया है.
नई नीति के तहत, खुदरा विक्रेता सरकार द्वारा अनिवार्य एमआरपी के बजाय प्रतिस्पर्धी माहौल में बिक्री मूल्य तय करने के लिए स्वतंत्र हैं. प्रत्येक ज़ोन में कम से कम 27 शराब की दुकानें होंगी जिनमें से सभी एक सफल बोली लगाने वाले को दी जाएंगी.
गुरुवार को हुई नीलामी में प्रत्येक क्षेत्र के लिए आरक्षित बोली मूल्य 221 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था, लेकिन लाइसेंस 20 फीसद के औसत प्रीमियम पर दिए गए थे, जिसमें औसत बोली मूल्य 265 करोड़ था. नई दिल्ली क्षेत्र के लिए सबसे अधिक बोली 315 करोड़ रुपए के 45 फीसद प्रीमियम पर प्राप्त हुई थी.
दिल्ली सरकार ने 28 जून को राष्ट्रीय राजधानी में शराब की खुदरा बिक्री के लिए नए लाइसेंस धारकों के लिए अधिसूचना जारी की थी. टेंडर प्रक्रिया के बाद गुरुवार को सभी 32 जोनों को पहली बार नीलामी के लिए रखा गया, लेकिन बाद में बारह जोनों को नीलामी प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था क्योंकि इन जोन के पास बोली लगाने वालों की संख्या या तो सिर्फ एक थी या कोई बोली लगाने वाला नहीं था.