बल्क मैसेज के लिए 1 अप्रैल से नए रेगुलेशंस को ठीक तरह से लागू करने के लिए ट्राई (TRAI) ने अहम मंत्रालयों, COAI और नैस्कॉम जैसे एसोसिएशंस और NIC जैसी नोडल एजेंसियों को चिट्ठी लिखी है. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के सूत्रों ने कहा है कि NIC ने रेगुलेटर को भरोसा दिलाया है कि कमर्शियल SMS को लेकर नए नियम आने के बाद वह सरकारी संस्थानों और एजेंसियों की मदद के लिए तैयार है और किसी भी मसले को सुलझा सकती है.
नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) गवर्नेंस सर्विसेज के लिए टेक्नोलॉजी सपोर्ट मुहैया कराती है. रेगुलेटर ने सभी सेक्टरों के प्रमुख स्टेकहोल्डर्स को इन नियमों के बारे में विस्तार से बताया है. ट्राई (TRAI) ने इनसे कहा है कि वे अपने न्यायक्षेत्र के तहत आने वाली इकाइयों और संस्थानों को सलाह दें कि वे सख्ती से और बिना देरी किए हुए नई रेगुलेटरी जरूरतों का पालन करें.
सभी स्टेकहोल्डर्स तक पहुंचने के अपने कार्यक्रम के तहत ट्राई (TRAI) ने CII, फिक्की, एसोचैम, नैस्कॉम और COAI जैसे इंडस्ट्री एसोसिएशंस से भी कहा है कि वे अपने सदस्य संगठनों को भी नई रेगुलेटरी जरूरतों के बारे में जानकारी दें.
दरअसल, ट्राई (TRAI) 1 अप्रैल से बल्क मैसेजिंग के लिए नए रेगुलेटरी नियमों को लागू करने जा रहा है. इसके तहत सभी टेलीमार्केटिंग इकाइयों को अपने एसएमएस के टैंपलेट को रजिस्टर्ड कराना होगा और वे उसी रजिस्टर्ड टैंपलेट के मुताबिक ही अपने एसएमएस ग्राहकों को भेज पाएंगी.
लंबे वक्त से ग्राहकों के पास आने वाले बल्क मैसेजों को लेकर चिंता जताई जा रही थी. इनमें से तमाम मैसेज ऐसे होते हैं जो कि फ्रॉड करने के लिए भेजे जाते हैं. इनके जरिए ग्राहकों को ठगने की कोशिश की जाती है. ऐसे में ट्राई (TRAI) ऐसे मैसेज पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहा है.
ट्राई (TRAI) ने 23 मार्च की अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि ट्राई (TRAI) ने अनसॉलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन (UCC) यानी अनचाहे कमर्शियल कम्युनिकेशन को रोकने के लिए TCCCPR, 2018 रेगुलेशंस जारी किए थे. इन रेगुलेशंस को 28.02.2019 से लागू कर दिया गया था. इसके बाद से लगातार ट्राई टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSP) के साथ संपर्क में रहा है.
ट्राई (TRAI) ने लिखा है कि इन्हीं रेगुलेशंस को लागू करने के लिए 8 मार्च 2021 से SMS स्क्रबिंग को एक्टिवेट कर दिया गया था. लेकिन, यह पाया गया कि इसकी वजह से कुछ A2P मैसेज सर्विस में बाधा पैदा हुई. इसके अलावा, रेगुलेशंस को लाए हुए 2 साल गुजरने के बाद भी प्रिंसिपल इकाइयों ने TCCCPR, 2018 की जरूरतों पर पूरा नहीं किया, जबकि वे इन रेगुलेशंस और इनके परिणामों को लेकर पूरी तरह से अवगत हैं.
ट्राई (TRAI) ने कहा है कि ग्राहकों के हितों को देखते हुए ट्राई ने TSP से कहा था कि वे 7 दिन के लिए SMS स्क्रबिंग को रोक दें ताकि प्रिंसिपल इकाइयां SMS के टैंपलेट को रजिस्टर करा सकें जिससे ग्राहकों को कोई दिक्कत न हो.