टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) अनलिमिटेड डेटा प्लान को लेकर पहले से ही सभी टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहा है. नियामक की इस जांच की जद में अब सभी ऑपरेटर के पूर्व के और मौजूदा प्लान आए गए हैं. यानी इसमें 4G प्लान (कुछ मामलों में 5G भी) ही नहीं बल्कि 2G और 3G प्लान भी शामिल हो गए हैं. टेलीकॉम सेक्टर में ट्राई के इस फैसले को अभूतपूर्व माना जा रहा है.
गौरतलब है कि टेलीकॉम नियामक ट्राई ने वोडाफोन-आइडिया (Vi) की शिकायत के बाद अनलिमिटेड 5G डेटा सेवा उपलब्ध कराने के लिए रिलायंस जियो और एयरटेल के खिलाफ जांच शुरू की थी. वोडाफोन-आइडिया ने आरोप लगाया था कि दोनों कंपनियां 4G की दरों पर 5G सेवा की पेशकश कर रही हैं. लेकिन वोडाफोन-आइडिया का यह दांव उलटा पड़ गया क्योंकि बाद में ट्राई ने एयरटेल और जियो की शिकायत पर वोडाफोन-आइडिया के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी. दोनों कंपनियों ने ट्राई से कहा था कि वोडाफोन-आइडिया खुद भी 4G प्लान को लेकर ऐसा ही कुछ कर रही है.
ट्राई अब इन सभी कंपनियों और साथ ही सरकारी ऑपरेटर बीएसएनएल (BSNL) के अनलिमिटेड डेटा प्लान की जांच कर रहा है. नियामक इस बात की जांच कर रहा है कि अनलिमिटेड प्लान नियमों के अनुरूप है या नहीं? अधिकारियों का कहना है कि इस बात की जांच की जाएगी कि क्या टेलीकॉम कंपनियों ने किसी भी समय अनलिमिटेड डेटा प्लान या कस्टमर को रिझाने लायक कीमतें पेश कर ट्राई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है? अधिकारियों के मुताबिक इसका पता लगाया जाएगा कि यह सब कुछ कब शुरू हुआ और किसने इसकी शुरुआत की.
क्या हो सकता है असर?
इसका इस समय ज्यादा कुछ असर नहीं होगा लेकिन जांच में अगर कंपनियां दोषी पाई जाती हैं तो उनपर कार्रवाई की जा सकती है. जियो, एयरटेल का पता नहीं, लेकिन वोडाफोन-आइडिया पहले ही भारी नुकसान झेल रही है और बीएसएनएल की हालत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उसने आखिरी बार जनवरी 2021 में नए सब्सक्राइबर जोड़े थे.
कस्टमर पर असर
ट्राई की जांच के बाद अगर मोबाइल में इंटरनेट डेटा की कैपिंग होती भी है तो इसका कस्टमर पर ज्यादा असर नहीं होगा. टेलीकॉम कंपनियां अपने 4G टैरिफ प्लान के साथ डेटा का डेली/मंथली यूसेज कैप करती हैं. 5G सेवा की शुरुआत के साथ, एयरटेल और जियो ने डेटा यूसेज पर इस तरह का कोई कैप नहीं लगाया है. उनका कहना है कि 5G सेवा का सब इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, उसका प्रोमोशन करने की जरूरत है और इसलिए इस तरह की कैप लगाना सही नहीं होगा. उनकी दलील है कि अगर कैपिंग की भी जाती है तो उसका कोई ज्यादा असर नहीं होगा क्योंकि सब्सक्राइबर डेली/मंथली लिमिट इतनी है यानी पर्याप्त है कि कस्टमर उसे पूरा कंज्यूम नहीं कर पाएंगे.