सरकार ने बाजार में हेरफेर को रोकने और कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत व्यापारियों, मिल मालिकों और दालों के आयातकों को अनिवार्य रूप से मसूर (दाल) के स्टॉक विवरण का खुलासा करने का निर्देश दिया है. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह के अनुसार, त्योहारी मौसम में उचित कीमत पर सभी प्रकार की दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार स्थिति पर करीबी नजर रख रही है और बाजार में स्टॉक जारी करवाने के लिए ‘सख्त कदम’ उठाएगी.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग ने तत्काल प्रभाव से मसूर (दाल) के अनिवार्य भंडार खुलासे के लिए परामर्श जारी किया है.’’ सिंह की अध्यक्षता में साप्ताहिक समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मसूर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य बुधवार को 93.2 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो कि एक साल पहले की अवधि के 98.12 रुपये प्रति किलोग्राम से थोड़ा कम है, लेकिन अन्य दालों की कीमतें दबाव में हैं. मंत्रालय ने कहा कि सभी अंशधारकों को अनिवार्य रूप से हर शुक्रवार को एक पोर्टल पर अपने मसूर स्टॉक का खुलासा करना चाहिए और यदि कोई अज्ञात स्टॉक पाया जाता है, तो उसे जमाखोरी माना जाएगा और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई शुरू की जाएगी.
सचिव ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा, ‘‘ऐसे समय में जब कनाडा से मसूर का आयात प्रवाह बढ़ रहा है और अफ्रीकी देशों से तुअर का आयात बढ़ रहा है, कुछ लोग उपभोक्ताओं और राष्ट्र हित के खिलाफ बाजार में हेरफेर करने की कोशिश कर रहे हैं.’’सचिव ने विभाग को मसूर की बफर खरीद को व्यापक आधार देने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आसपास कीमतों पर उपलब्ध स्टॉक की खरीद करने का भी निर्देश दिया है.