कोरोना (corona) इंफेक्शन का खतरा प्रेग्नेंट(pregnant) महिलाओं में सबसे ज्यादा है. अब तक ऐसी कई मेडिकल स्टडी भी सामने आ चुकी हैं जिनके अनुसार इन महिलाओं के अलावा गर्भ में पल रहे शिशु की जान को भी खतरा रहता है. इससे बचने के लिए सरकार ने प्रेग्नेंट (pregnant) महिलाओं को वैक्सीनेशन में शामिल किया. इसी का परिणाम है कि एक महीने से भी कम समय में अब तक देश भर में 2.27 लाख प्रेग्नेंट महिलाएं वैक्सीन ले चुकी हैं.
30 जुलाई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, ओड़िशा, केरल और कर्नाटक में सबसे ज्यादा प्रेग्नेंट (pregnant) महिलाओं ने आगे आकर वैक्सीनेशन में हिस्सा लिया है. कोरोना वैक्सीनेशन में प्रेग्नेंट महिलाओं को शामिल करने के लिए इसी महीने दो जुलाई को निर्देश जारी किए गए थे. इसे लेकर हेल्थ केयर स्टाफ का ट्रेनिंग सेशन भी पूरा हो चुका है.
मंत्रालय के अनुसार तमिलनाडु में सर्वाधिक 78,838 से अधिक प्रेग्नेंट (pregnant) महिलाओं का वैक्सीनेशन हुआ है. इसके बाद आंध्र प्रदेश में 34,228, ओडिशा में 29,821, मध्य प्रदेश में 21,842, केरल में 18,423 और कर्नाटक में 16,673 महिलाओं को वैक्सीन लगा है. इन महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यों द्वारा कई पहल की गई हैं. कई राज्यों में इनके लिए स्पेशल सेशन आयोजित किए जा रहे हैं. वहीं कई जगहों पर प्रसवपूर्व क्लीनिकों में फ्रंटलाइन वर्कर्स और परामर्शदाताओं द्वारा वैक्सीनेशन की सलाह दी जा रही है. आशा कर्मचारी भी काफी अहम भूमिका निभा रही हैं और अपने-अपने क्षेत्र में प्रेग्नेंट (pregnant) और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक कर रही हैं.
अब तक सामने आई मेडिकल स्टडी से से पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान COVID-19 संक्रमण से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है,जिससे गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. यह फीटस को भी प्रभावित कर सकता है. जिन प्रेग्नेंट महिलाओं को कोरोना इंफेक्शन होता है उनमें प्रीटर्म डिलीवरी और अन्य एडवर्स प्रेगनेंसी इफेक्ट का जोखिम बढ़ जाता है.