इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर आ रही तकनीकी समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने इंफोसिस को 15 सितंबर तक का समय दिया था. हालांकि डेडलाइन खत्म होने के बावजूद यूजर्स की परेशानी दूर नहीं हुई है. पोर्टल का उपयोग करने वाले टैक्स एक्सपर्ट्स ने कहा कि उन्हें वेबसाइट पर कई गड़बड़ियों का सामना करना पड़ रहा है. नए ई-फाइलिंग पोर्टल, www.incometax.gov.in को 7 जून को लॉन्च किया गया था. इंफोसिस को 2019 में पोर्टल डेवलप करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था.
पोर्टल लॉन्च के तीन महीने से अधिक समय के बाद भी, यूजर्स दाखिल किए गए रिटर्न में सुधार नहीं कर पा रहे हैं. यूजर्स रिफंड स्टेटस को चेक करने में असमर्थ है और रिफंड रिइश्यू रिक्वेस्ट भी फाइल नहीं कर पा रहे हैं. वे असेसमेंट ईयर (AY) 2013-14 से पहले दाखिल किए गए ITR को देखने में भी असमर्थ हैं. इसके लॉन्च के दिन से ही टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स गड़बड़ियों और कठिनाइयों की शिकायत कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्स और कंसल्टिंग फर्म AKM Global के डायरेक्टर- टैक्स एंड रेगुलेटरी, संदीप सहगल ने कहा कि पोर्टल में कुछ सुधार हुआ है, फिर भी कई समस्याएं हैं. सैलरी इनकम के मामले में फॉर्म 16 की कोई ऑटो पॉपुलेशन नहीं है. ऑनलाइन किसी भी सुधार के लिए कोई विकल्प मौजूद नहीं है, और यहां तक कि कुछ मामलों में बकाया मांग भी दिखाई नहीं दे रही है. इसके अलावा, कुछ मामलों में रिफंड का स्टेटस उपलब्ध नहीं है. पुराने पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को नए पोर्टल पर अपडेट भी नहीं किया गया है.
बीडीओ इंडिया पार्टनर – टैक्स एंड रेगुलेटरी सर्विसेज के अमित गनात्रा ने कहा कि 23 अगस्त की बैठक के बाद, वेबसाइट के कामकाज पर प्रगति हुई है, लेकिन साइट अभी भी धीमी है. कंपनी पार्टनरशिप/LLP के लिए वर्तमान में कोई टैक्स रिटर्न फॉर्म उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा, डिजिटल सिग्नेचर के रजिस्ट्रेशन और अपलोडिंग को लेकर समस्याएं आ रही हैं.
वित्त मंत्रालय ने 23 अगस्त को इंफोसिस के CEO सलिल पारेख को बुलाया था और उनसे पूछा था कि पोर्टल में समस्याएं क्यों बनी हुई हैं? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीटिंग में लगातार गड़बड़ियों पर निराशा जताई थी और सभी समस्याओं को हल करने के लिए 15 सितंबर तक का समय दिया था. हालांकि इन समस्याओं को देखते हुए वित्त मंत्रालय पहले ही सभी करदाताओं के लिए कर रिटर्न और संबंधित फॉर्म भरने की नियत तारीख बढ़ा चुका है.