विलय की खबर बाजार को पसंद नहीं आई
खराब तिमाही नतीजों के अलावा विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली, रूस-यूक्रेन युद्ध से बढ़ती चिंताएं और कोविड के बढ़ते मामले भी बाजार का उत्साह फीका कर रहे
HDFC और HDFC बैंक शेयर बाजार के ऐसे नाम जो हर किसी चहेते हैं . म्यूचुअल फंड्स से लेकर FIIs तक यहां सब दांव लगाते हैं. मुनाफा कमाते हैं . लेकिन इनके विलय की खबर बाजार को पसंद नहीं आई . शायद यही वजह है कि घोषणा के बाद से अब तक दोनों की शेयरों में जमकर बिकवाली हुई .
HDFC बैंक के शेयर में 19 फीसद और HDFC के शेयर में 20 फीसद की गिरावट देखने को मिली . 2.5 लाख करोड़ से ज्यादा का मार्केट कैप साफ हो गया . इस बीच बैंक के नतीजे भी बाजार के अनुमान से फीके रहे . बाजार के दिग्गजों की पिटाई से सरपट दौड़ते सेंसेक्स-निफ्टी की रफ्तार भी थम गई . 01 अप्रैल से शुरू हुए वित्त वर्ष में सेंसेक्स-निफ्टी 3 फीसद से ज्यादा टूट गए .
निफ्टी, बैंक निफ्टी दोनों अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज के नीचे फिसल गए . यह इस बात का संकेत है कि बाजार मध्यम से लंबी अवधि तक मंदड़ियो की चपेट में रह सकता है . हालांकि इस दौरान मिडकैप इंडेक्स करीब 1.4 फीसद और स्मॉलकैप इंडेक्स 2.32 फीसद चढ़े . यानी यह गिरावट अभी दिग्गज शेयरों और बड़े इंडेक्स तक सीमित है .
हालांकि बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बाजार में गिरावट गहराती है तो ये इंडेक्स भी लंबे समय तक बाजार में टिक नहीं पाएंगे . HDFC और HDFC बैंक के अलावा IT कंपनियों के भी अनुमान से कमजोर नतीजों ने बाजार का मूड ऑफ किया है .
कीमतों में बढ़त और ऊंचे एट्रिशन रेट की वजह से TCS का मार्जिन सपाट 25 फीसद रहा . इसी तरह इन्फोसिस का तिमाही दर तिमाही मार्जिन 193 बेसिस पॉइंट घटकर 21.6% रहा . इससे यह संकेत मिलता है कि कोरोना काल में IT कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन में जो उछाल आया था, वह अब खत्म हो रहा है .
खराब तिमाही नतीजों के अलावा विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली, रूस-यूक्रेन युद्ध से बढ़ती चिंताएं और कोविड के बढ़ते मामले भी बाजार का उत्साह फीका कर रहे हैं . FPI ने अप्रैल महीने में लगातार बिकवाली की है .
विदेशी निवेशकों की ओर से अब तक करीब 4,255 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बाजार में बेचे जा चुके हैं . इनमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी HDFC और HDFC बैंक की ही है .
अब बाजार बड़े अहम मुकाम पर खड़ा है . 16,824 का स्तर निफ्टी के लिहाज से एक अहम सपोर्ट है . यही निफ्टी की ऊंचाई से 50 फीसद गिरावट (रिट्रेसमेंट) और 200 दिन का एक्सपोनेनशियल मूविंग एवरेज है .
5paisa.com के लीड रिसर्च रचित जैन कहते हैं कि अगर इंडेक्स ने इस सपोर्ट लेवल को तोड़ा तो गिरावट और बढ़ते हुए 61.8% के रीट्रेसमेंट लेवल को पार कर जाएगी जो कि करीब 16,600 का स्तर होगा . बाजार में वापसी दिखी तो
17,250-17,300 के स्तर को रेजिस्टेंस का काम करेगा . यानी इसके ऊपर बाजार का निकलना आसान नहीं होगा .
बाजार में जारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए ट्रेडर्स को किसी तरह की आक्रामक पोजिशन लेने से बचना चाहिए और दोनों साइड के ट्रेड के लिए चुनींदा शेयर तलाशने चाहिए .