दूसरी कोविड लहर के बाद अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत संभावनाएं: आरबीआई बुलेटिन

अगस्त की मेहनत का असर सितंबर में साफ तौर से दिखाई दे रहा है. इसके अलावा मुद्रास्फीति में भी एक अनुकूल सुधार हुआ है.

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कई नगर निगमों ने कोविड प्रबंधन के चलते अन्य क्षेत्रों में खर्च में कटौती की जानकारी दी. सर्वेक्षण में 22 प्रतिशत ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान 50 प्रतिशत से ज्यादा की राजस्व हानि की जानकारी दी

कई नगर निगमों ने कोविड प्रबंधन के चलते अन्य क्षेत्रों में खर्च में कटौती की जानकारी दी. सर्वेक्षण में 22 प्रतिशत ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान 50 प्रतिशत से ज्यादा की राजस्व हानि की जानकारी दी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बृहस्पतिवार को अपने बुलेटिन में कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रभाव से अर्थव्यवस्था अब पूरी तरह बाहर आ चुकी है. प्रोडक्शन से लेकर आपूर्ति तक में बेहतर सुधार होने लगा है और विकास दर भी अब रफ्तार पकड़ने लगी है. RBI ने सितंबर महीने के अपने बुलेटिन में अर्थव्यवस्था में मजबूत एवं उज्ज्वल सुधारों का जिक्र किया है. आरबीआई द्वारा जारी इस बुलेटिन में साल  2021-22 में 9.5 फीसदी की विकास दर का अनुमान जताया है.

युद्धस्तर की तैयारियों से अर्थव्यवस्था से हुआ सुधार

आरबीआई ने अपने सितंबर महीने के बुलेटिन में बताया कि अप्रैल में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद युद्धस्तर की तैयारियों और सरकार द्वारा उठाए कदमों से अर्थव्यवस्था में इतनी जल्दी यह सुधार देखने को मिल रहा है. कुल मांग में तेजी से सुधार हो रहा है. इसके अलावा सेवा क्षेत्र के संकेतक निरंतर सुधार की ओर इशारा कर रहे हैं. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की अगुवाई वाली टीम द्वारा लिखे गए लेख में बताया गया है कि अगस्त में भारत ने एक मुश्किल मोड़ को पार किया है. अगस्त की मेहनत का असर सितंबर में साफ तौर से दिखाई दे रहा है. इसके अलावा मुद्रास्फीति में भी एक अनुकूल सुधार हुआ है.

कोरोना में सुधार के साथ स्थिति बहाल

माइकल देवव्रत के मुताबिक जैसे ही महामारी के प्रभाव में और कमी आएगी तो उत्पादकता लाभ के साथ आपूर्ति की स्थिति बहाल होने लगेगी. आरबीआई बुलेटिन के मुताबिक अब मुद्रास्फीति में निरंतर सुधार की उम्मीद की जा सकती है, जो मौद्रिक नीति के विकास-सहायक रुख को मजबूत करेगी. भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि लेख में व्यक्त की गई राय लेखकों की हैं. जरूरी नहीं कि वे आरबीआई के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हों.

मजबूत तैयारियों से हुआ सुधार

बुलेटिन में कहा गया है कि घरेलू आर्थिक स्थितियों में अगस्त में हालात पटरी पर लौटती दिखी है. क्योंकि समय पर महामारी को रोकने के लिए लॉक डाउन लगाए गए, सरकार द्वारा सख्त कदम उठाए गए और टीकाकरण अभियान में तेजी से बढ़ोतरी हुई. बुलेटिन के मुताबिक फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत संभावनाएं हैं क्योंकि दूसरी लहर खत्म हो गई है और भविष्य के लिए तैयारी युद्ध-अलर्ट की स्थिति पर बनी हुई है. कुल मांग पर ई-वे बिल (e-way bill) फरवरी 2020 के पूर्व-महामारी के स्तर से ऊपर रहे, जो उच्च जीएसटी कलेक्शन को आगे बढ़ने का संकेत दे रहा है.

Published - September 17, 2021, 03:27 IST