एक समय के बाद, कई लोग अपने बच्चों की खातिर जीते हैं. नतीजतन, बच्चा हमारे अधिकांश वित्तीय निर्णयों के केंद्र में रहता है, चाहे स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो या नहीं. बच्चे की शिक्षा, उसकी शादी और उसे वित्तीय रूप से समृद्ध बनाना हमारे लक्ष्य होता हैं. बच्चे की शिक्षा के लिए निवेश करना सबसे महत्वपूर्ण होता है. इस देश में उच्च शिक्षा लगातार महंगी होती जा रही है और हर किसी को इसके लिए बचत करने की जरूरत होती है.
इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ और मैनेजमेंट कुछ जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम हैं, जिनमें काफी अधिक पैसा खर्च होता है. सरकार द्वारा संचालित संस्थानों के अलावा अन्य सभी संस्थानों में पढ़ने वालों छात्रों के लिए सभी कोर्स महंगे हैं. हालांकि, एजुकेशन लोन ने कई लोगों के लिए उच्च शिक्षा को वहनीय बना दिया है, लेकिन यह याद रखना चाहिए कि इससे बचना सबसे अच्छा है, क्योंकि पुनर्भुगतान बच्चे को उसके करियर की शुरुआत से ही परेशान करेगा.
दूसरी तरफ शादी में एक बड़ी रकम की जरूरत होती है. यह एक ऐसी घटना है, जो पारिवारिक प्रतिष्ठा के सूचकांक के रूप में कार्य करती है. मीडिया और सोशल मीडिया ने नई पीढ़ी की आकांक्षाओं के स्तर को लगातार ऊंचा किया है और माता-पिता को इस पर खरा उतरना है.
इन सब खर्चों को पूरा करने के लिए यह जरूरी है कि बच्चे की छोटी उम्र से ही एक अनुशासित दृष्टिकोण के साथ निवेश शुरू कर दिया जाए. ब्याज दरों में लगातार गिरावट और महंगाई के साथ निवेश एक चुनौती बन गया है. इसलिए मेहनत की कमाई को सही तरीके से निवेश करना आवश्यक है. इसलिए, अपने लक्ष्यों के अनुसार उपयुक्त निवेश रणनीति का चुनाव करना महत्वपूर्ण हो गया है. माता-पिता को दीर्घकालिक आवश्यकता को पहचानने, एक लक्ष्य तैयार करने और यदि आवश्यक हो, तो निवेश की रणनीति पर निर्णय लेने वाले विशेषज्ञों की मदद लेने की आवश्यकता है.
मंजिल तक जल्दी पहुंचने के लिए जल्दी शुरुआत करनी पड़ती है. निवेश के फैसले टालें नहीं और जितनी जल्दी हो सके शुरुआत करें. इसके अलावा, बाजार की वास्तविकताओं और उभरती संभावनाओं के आलोक में समय-समय पर अपनी रणनीति पर दोबारा गौर करें. बीमा से लेकर बाजार से जुड़े उत्पादों से लेकर डेट इंस्ट्रूमेंट्स से लेकर गोल्ड और यहां तक कि रियल एस्टेट तक निवेश करने के लिए कई तरह के उपकरण हैं.