श्रीलंकाई वायुसेना के 70वें स्थापना दिवस पर बुधवार को शाम 5 बजे भव्य समारोह के साथ एयर शो (Air Show) शुरू हो गया है. इस समारोह में भाग लेने के लिए भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया श्रीलंका वायुसेना के एयर मार्शल सुदर्शना पथिराना के निमंत्रण पर कोलंबो पहुंचे. जहां भारतीय वायुसेना के विमानों ने बुधवार को एयर शो (Air Show) में भाग लेकर कोलंबो के आसमान में दोनों वायु सेनाओं के पारंपरिक मजबूत संबंधों का एक और महत्वपूर्ण अध्याय लिख दिया है.
वायुसेना की टीम स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस के साथ सूर्यकिरण और रोटरी विंग सारंग की एयरोबैटिक डिस्प्ले टीमें 27 फरवरी को ही कोलंबो पहुंच चुकी हैं. एक हफ्ते की तैयारी के बाद बुधवार शाम को शुरू हुए एयर शो (Air Show) में सूर्यकिरण और सारंग की टीमों ने कोलम्बो के आसमान में एयरोबैटिक डिस्प्ले किया. एलसीए तेजस ने गेल फेस, कोलंबो में ऊंची उड़ान भरकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. यह एयर शो 03-05 मार्च को रोजाना शाम 5 बजे से होगा, जिसका सीधा प्रसारण किया जा रहा है.
एक-दूसरे के प्रति सहयोग और भागीदारी बढ़ी दो दिवसीय यात्रा के दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया विभिन्न गण्यमान्य व्यक्तियों और श्रीलंका के सशस्त्र बलों की सेवाओं के प्रमुखों के साथ बातचीत करेंगे. भारतीय वायुसेना और श्रीलंका एयरफ़ोर्स ने पिछले वर्षों में लगातार एक-दूसरे को सहयोग देकर सुझाव भी आदान-प्रदान किए हैं. इसके अलावा नियमित रूप से जमीन और उड़ान प्रशिक्षण, पेशेवर सैन्य शिक्षा, राहत एवं बचाव कार्य और परिचालन के क्षेत्र में मूल्यवान अनुभव साझा करने के लिए बातचीत करते हैं. हाल के वर्षों में दोनों वायु सेनाओं ने यात्राओं के माध्यम से एक-दूसरे के प्रति सहयोग और भागीदारी बढ़ाई है.
50वीं वर्षगांठ के समारोह में भी लिया था हिस्सा एयर शो (Air Show) के उद्घाटन पर एयर चीफ मार्शल भदौरिया की उपस्थिति दोनों देशों के संबंधों की ताकत को मजबूत करती है. यह यात्रा मौजूदा सहयोग प्रक्रिया को और मजबूत करेगी और आपसी हित के नए रास्ते खोलेगी. भारत और श्रीलंका की वायु सेनाएं कई वर्षों से प्रशिक्षण, परिचालन आदान-प्रदान और पेशेवर सैन्य शिक्षा पाठ्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं. एसएलएएफ के 70वें वर्षगांठ समारोह में आईएएफ की भागीदारी मजबूत पेशेवर बांडों की एक और अभिव्यक्ति है, जो दो वायु सेनाओं का हिस्सा है. बता दें कि दो दशक पहले श्रीलंका एयरफोर्स के स्वर्ण जयंती समारोह में भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम ने हिस्सा लेने के लिए 2001 में श्रीलंका का दौरा किया था.
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