अगस्त में मानसून की बरसात में कमी की वजह से सोयाबीन की फसल पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के मुताबिक अगस्त में बारिश कम रही है. हालांकि सोयाबीन की फसल अभी भी अपनी जगह पर खड़ी है, लेकिन फसल को अब तुरंत बरसात की जरूरत है. बारिश में किसी भी तरह की देरी से देशभर में सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंच सकता है.
फसल की यील्ड बारिश पर निर्भर
सोपा का कहना है कि सोयाबीन की फसल की उपज यानी यील्ड को कितना नुकसान पहुंचेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बारिश कितनी होती है. मौजूदा हालात में फसल को लेकर भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी. सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि अगले 45 दिन में मानसून का व्यवहार कैसा रहता है.
कमजोर बारिश से घट सकता है उत्पादन
मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अलनीनो की वजह से अगस्त के दौरान बरसात कम रही है और इसका सितंबर की बारिश पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. उनका कहना है कि जून-सितंबर मानसून सीजन 8 फीसद कमी के साथ खत्म होने की ओर बढ़ रहा है. बारिश कमजोर रहने की आशंका से सोयाबीन के उत्पादन में गिरावट आ सकती है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 25 अगस्त तक देशभर में 124.71 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस अवधि में 123.60 लाख हेक्टेयर में खेती हुई थी. सोपा के आंकड़ों के मुताबिक 8 अगस्त तक 122.394 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती हो चुकी थी.