सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और OTT पर अभद्रता या किसी की मर्यादा और गरिमा को चोट पहुंचाने वाले कंटेट को शिकायत के 24 घंटे के अंदर हटाना होगा. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावडेकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में फेक न्यूज से लेकर हिंसा को बढ़ावा देने वाले कंटेट की रोकथाम के लिए बड़े ऐलान किए हैं. सरकार ने कहा है कि इन सभी गाइडलाइंस (Guidelines) पर अमल के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 3 महीने का समय दिया जाएगा.
सरकार ने आज इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स 2021 पर नोटिफिकेशन जारी किया है. सरकार 3 महीने के अंदर गाइडलाइंस पर अमल की अपेक्षा रख रही है.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि “भारत में सोशल मीडिया का स्वागत और तारीफ करते हैं. उन्होंने भारत के आम लोगों को सशक्त बनाने में भी काम किया है. सरकार आलोचना का स्वागत करती है. ये बहुत जरूरी है कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वालों की शिकायतों को भी तय समय में हल किया जाए.”
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अभद्रता और हिंसा को बढ़ावा देने वाले कंटेट स्वीकार नहीं है. उन्होंने फेक न्यूज के फैलते जाल का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम के करोड़ों यूजर्स के हित में ये गाइडलाइंस (Guidelines) जारी की जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं को सेल्फ रेगुलेशन भी करना होगा. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इंटरनेट बेहद महत्वपूर्ण है लेकिन देश में कामकाज के लिए इन्हें भारत के कानूनों का भी पालन करना होगा.
नेटफ्लिक्स और अमेजॉन जैसे OTT के लिए भी गाइडलाइन
नेटफ्लिक्स और अमेजॉन के लिए भी सरकार ने गाइडलाइंस जारी की हैं.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि OTT प्लेटफॉर्म्स को सेल्फ रेगुलेटिंग बॉडी बनानी होगी जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जज या फिर किसी उस क्षेत्र के किसी प्रख्यात व्यक्ति करेंगे.
प्रकाश जावडेकर ने ये भी कहा कि OTT प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल न्यूज मीडिया को अपनी जानकारी देनी होगी. उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता नहीं होगी लेकिन जानकारी जरूर देनी होगी.
OTT प्लेटफॉर्म्स को पांच कैटेगरी में कंटेट को बांटना होगा – U (यूनिवर्सल), U/A 7+, U/A 13+, U/A 16+, A (एडल्ट). जो कंटेट U/A 13+ या उससे ज्यादा का है उसके लिए पेरंटल कंट्रोल भी देना होगा.
Addressing a press conference on Digital Media Ethics Code alongwith my cabinet colleague @rsprasad Ji. #ResponsibleFreedom #OTTGuidelines https://t.co/gijzaecJA8
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) February 25, 2021
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को इन नियमों (Guidelines) का पालन करना होगा
1. ग्रीवांस रिड्रेसल मैकेनिजम बनाना होगा – सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स को शिकायत दर्ज कराने के लिए सिस्टम बनाना होगा. इसके तहत एक ग्रीवांस अफसर भी बनाना होगा. 24 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज करानी होगी और 15 दिन के अंदर एक्शन लेना होगा.
2. अभद्रता, डिग्निटी, न्यूडिटी, सेक्जुअल एक्ट पर शिकायत पर उसे 24 घंटे के अंदर हटाना होगा.
3. चीफ कंप्लायंस अफसर की अनिवार्यता: भारत में ही चीफ कंप्लायंस अफसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और ग्रीवांस अफसर की नियुक्ति अनिवार्य है. कंपनियों को शिकायतों पर लिए एक्शन की रिपोर्ट देनी होगी.
4. फर्स्ट ओरिजिनेटर: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पता लगाना होगा कि किसने किसी गलत जानकारी की शुरुआत हुई.
5. वॉलेंट्री वेरिफिकेशन – सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को वॉलेंट्री वेरिफिकेशन का प्रावधान लाना होगा.
6. इन प्लेटफॉर्म्स को सेल्फ-रेगुलेशन भी करना होगा.