अब लोगों को नहीं ठग पाएंगे स्किन और हेयर क्लीनिक

हेयर ट्रांसप्लांट, ब्यूटी और डेंटल कॉस्मेटिक से जुड़े सभी क्लीनिक्स कानून के दायरे में

अब लोगों को नहीं ठग पाएंगे स्किन और हेयर क्लीनिक

देश में चलने वाले हेयर ट्रांसप्लांट, ब्यूटी और डेंटल कॉस्मेटिक से जुड़े सभी क्लीनिक्स को अब क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्टर होने के लिए कहा जा सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द इस तरह के सभी क्लीनिक्स का रजिस्ट्रेशन कराने की तैयारी कर रहा है. फिलहाल क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत सिर्फ अस्पतालों को रजिस्टर होना पड़ता है. ऐसा करने के पीछे मुख्य उद्देश्य निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में पारदर्शिता लाना है.

स्वास्थ्य राज्य का मसला है. कई राज्य क्लीनिक इस्टेब्लिशमेंट एक्ट का पालन कर रहे हैं लेकिन लेकिन आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली और तेलंगाना जैसे कुछ राज्यों ने अभी तक ऐसा नहीं किया है. इसलिए मंत्रालय सभी राज्यों के लिए इस एक्ट का पालन अनिवार्य करने की योजना बना सकता है. अधिकारियों को संदेह है कि कई क्लीनिक सुंदरता के नाम पर सर्जिकल ट्रीटमेंट्स की आड़ में लोगों का शोषण कर रहे हैं. ऐसे में अगर इस एक्ट के तहत क्लीनिक्स का रजिस्ट्रेशन होगा तो क्लीनिक मरीज़ों से मनमानी वसूली नहीं कर पाएंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय इस एक्ट के लिए एक नई वेबसाइट बना रहा है. इसमें ऑनलाइन प्रोवीज़नल, स्थायी पंजीकरण, पेमेंट गेटवे, ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र और अपील तंत्र का प्रावधान होगा. इसके अलावा हर क्लीनिक को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA ID) बनाने की सुविधा प्रदान करते हुए हर मरीज़ को निर्धारित उपचार देना ज़रूरी होगा.

क्या कहता है क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट
क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट मेटरनिटी होम्स, डिस्पेंसरी क्लिनिक्स, नर्सिंग होम्स, एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं पर समान रूप से लागू होता है. इसके तहत हर स्वास्थ्य सुविधा देने वाले संस्थानों का कर्तव्य है कि किसी रोगी के इमरजेंसी में पहुंचने पर उसको तुरंत स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना ज़रूरी है. इसके अलावा हर अस्पताल अपनी सेवाओं की कीमत केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर ही ले सकता है. साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के बदले में ली जा रही कीमत को अस्पतालों को अंग्रेजी और स्थानीय भाषा में भी अस्पताल में चस्पा करना होगा. अगर कोई अस्पताल इस एक्ट से जुड़े प्रावधानों का उल्लंघन करने करता है तो जुर्माना लगाने के साथ ही रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है.

Published - June 5, 2023, 07:39 IST