श्याम मेटेलिक्स ने IPO का साइज घटाकर 909 करोड़ किया

कंपनी के प्रमोटरों ने अब सिर्फ 252 करोड़ रुपये के शेयर बिक्री के लिए पेश करने का फैसला किया है. पहले उन्होंने 452 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की पेशकश की थी.

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स्टील बनाने वाली कंपनी श्याम मेटेलिक्स एंड एनर्जी लि (SMEL) ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के साइज को 1,107 करोड़ रुपये से घटाकर 909 करोड़ रुपये कर दिया है. कंपनी का IPO 14 जून को आ रहा है.

कंपनी के प्रमोटरों ने अब सिर्फ 252 करोड़ रुपये के शेयर बिक्री के लिए पेश करने का फैसला किया है. पहले उन्होंने 452 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की पेशकश की थी.

1,107 करोड़ रुपये के IPO की मिली थी मंजूरी

इंटीग्रेटेड स्टील उत्पादक कंपनी ने कहा कि उसे सेबी से 1,107 करोड़ रुपये के IPO की मंजूरी मिली थी. इसके बावजूद इसके साइज को घटा दिया गया है.

श्याम मेटेलिक्स के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बृजभूषण अग्रवाल ने कहा, ‘‘बिक्री पेशकश (OFS) के हिस्से को 200 करोड़ रुपये कम किया गया है. पहले मौजूदा प्रमोटरों ने 452 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश का प्रस्ताव किया था. IPO के तहत नए शेयरों का आकार 657 करोड़ रुपये ही रहेगा.’’

ऊंची वैल्यूएशन से घटाया साइज?

एनालिस्ट्स का कहना है कि मेटल्स शेयरों की ऊंची वैल्यूएशन की वजह से शायद प्रमोटरों ने OFS का साइज घटाया है.

बुक बिल्डिंग के जरिए जुटाई जा रही रकम ठीक उतनी ही है जितनी कंपनी के प्रमोटरों को 2018 में सेबी से 909 करोड़ रुपये के IPO को मंजूरी मिली थी. इस बार केवल ये अंतर है कि तब कंपनी ने ये पूरी रकम फ्रेश इश्यू के जरिए जुटाने की योजना बनाई थी.

OFS एक ऐसा मैकेनिज्म है जिसके तहत मौजूदा शेयरहोल्डर्स अपने शेयरों को पब्लिक ऑफर में बेचते हैं. IPO एक OFS हो सकता है, नया इश्यू या इन दोनों का मिलाजुला रूप हो सकता है.

IPO के बाद प्रमोटरों की हिस्सेदारी बिक्री करीब 12 फीसदी रहेगी, लेकिन अंतिम आंकड़ा इश्यू प्राइस पर निर्भर करेगा. इसे बुक बिल्डर्स बाद में तय करेंगे.

वर्किंग कैपिटल के लिए होगा इस्तेमाल

कंपनी के इंटरनेशनल रिलेशंस हेड पंकज हरलालका ने कहा है, “IPO से मिलने वाली रकम का मोटे तौर पर इस्तेमाल आम कारोबारी कामकाज और वर्किंग कैपिटल में किया जाएगा.”

कंपनी की अपने बैकवर्ड इंटीग्रेशन समेत कुल 57.1 लाख टन मेटल कैपेसिटी है. साथ ही इसके पास 227 मेगावॉट की कैप्टिव पावर भी है. कंपनी की कैपेसिटी 2025 तक बढ़कर 1.157 करोड़ टन हो जाएगी.

अग्रवाल के मुताबिक, “विस्तार की लागत आंतरिक साधनों से आएगी. हम सबसे कम कर्ज वाली स्टील कंपनी हैं और हम आगे भी इसी रास्ते पर रहेंगे.”

Published - June 6, 2021, 03:07 IST