विदेश में पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों को अब वहां क्वारंटीन होने के लिए फाइनेंशियली परेशान नहीं होना पड़ेगा. पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) कंपनी क्वारंटीन अवधि के लिए छात्रों की फाइनेंशियल हेल्प करेगी. गुरुवार को कंपनी के CEO आदार पूनावाला इस बात की जानकारी ट्वीट कर दी. उन्होंने लिखा कि कोविशील्ड की दोनों डोज लेने वाले वे छात्र जो विदेश पढ़ाई के लिए जाना चाहते हैं लेकिन कुछ देश में क्वारंटीन रहने के नियम के चलते वो ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे छात्रों की मदद कंपनी करेगी.
दरअसल, कुछ देश ने अपने यहां आने वाले भारतीय लोगों को 15 से 20 दिन क्वारंटीन रहने का नियम बनाया है. ऐसे में वहां पहुंचे भारतीय लोगों को खुद के खर्चे पर किसी होटल में रहना पड़ेगा. ऐसे बच्चों के लिए कंपनी ने आर्थिक मदद करने का फैसला लिया है.
आदार पूनावाला ने लिखा है कि विदेश जाने वाले जिन छात्रों को क्वारंटीन रहने में आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे छात्रों के लिए कंपनी ने 10 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद करने का फैसला लिया है. उन्होंने लिखा कुछ देशों ने अभी तक कोविशील्ड को क्वारांटीन के बिना यात्रा के लिए एक स्वीकार्य वैक्सीन के रूप में मान्यता नहीं दी है. ऐसे में छात्रों को कुछ एक्स्ट्रा लागत उठानी पड़ सकती हैं, इसलिए उनकी कंपनी ने छात्रों की मदद के लिए 10 करोड़ रुपये देने का बजट तय किया है. जिन छात्रों को कंपनी से मदद चाहिए वह इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं.
Dear students travelling abroad, as a few countries are yet to approve COVISHIELD as an acceptable vaccine for travel without quarantine, you may have to incur some costs. I have set aside Rs.10 crores for this, apply below for financial support if needed. https://t.co/CbD6IsdKol
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) August 5, 2021
हाल ही में ब्रिटेन ने भारत को ‘लाल’ से ‘एम्बर’ लिस्ट में रखा है जिसका मतलब है कि भारत से दोनों डोज लेकर आने वाले लोगों को पहले फिक्स टाइम के लिए क्वारंटीन होना होगा. इसके लिए वे किसी होटल में 15 से 20 दिन तक रह सकते हैं. क्वारंटीन पीरियड पूरा करने के बाद ही उन्हें देश में प्रवेश मिलेगा. वहीं क्वारंटीन रहने के लिए आपको एयरपोर्ट के आस-पास ही होटल लेना होगा. लंबे समय तक होटल में रहने के लिए लोगों और खासकर भारतीय छात्रां पर अतिरिक्त खर्च आ रहा है.