SEBI ने LIC कर्मचारी समेत 5 लोगों पर क्यों लगाया बैन?

सेबी ने इस मामले में कुल 5 लोगों पर बैन लगाया है. जिन 5 इकाइयों कार्रवाई हुई है एक ही परिवार से संबंध रखती हैं. इनका पता और फोन नंबर भी एक ही है.

SEBI ने LIC कर्मचारी समेत 5 लोगों पर क्यों लगाया बैन?

फोटो साभार: TV9 भारतवर्ष

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बाजार नियामक सेबी ने सार्वजनिक क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनी एलआईसी (LIC ) के एक कर्मचारी को फ्रंट रनिंग के आरोप में पकड़ा है. आरोपी का नाम योगेश गर्ग है. सेबी ने योगेश पर शेयर बाजार में कारोबार करने पर रोक लगा दी है. योगेश के चार रिश्तेदारों को भी शेयर बाजार से बैन किया गया है.

सेबी ने इस मामले में कुल 5 लोगों पर बैन लगाया है. जिन 5 इकाइयों कार्रवाई हुई है एक ही परिवार से संबंध रखती हैं. इनका पता और फोन नंबर भी एक ही है. इन लोगों पर गैर कानूनी तरीके से 2.44 करोड़ रुपए का फायदा कमाने का आरोप है. SEBI की ओर से जिन 5 इकाइयों पर बैन लगाया है, उनमें योगेश के साथ उनकी मां सरिता गर्ग, उनकी सास कमलेश अग्रवाल के अलावा वेद प्रकाश और सरिता गर्ग के नाम शामिल हैं. अब इन्हें सिक्योरिटी मार्केट में प्रतिबंधित कर दिया गया है. साथ ही इन सभी को आगे किसी भी तरह के फ्रॉड, हेर-फेर और फ्रंट-रनिंग कामों से दूर रहने की भी चेतावनी दी गई है.

योगेश ने क्या किया?
एलआईसी के इंवेस्टमेंट विभाग में नियुक्त होने के नाते योगेश गर्ग के पास एलआईसी के कुछ ऑर्डर से जुड़ी जानकारी थी. ये जानकारी आम लोगों के पास नहीं थी. योगेश ने इस जानकारी को दूसरे तक पहुंचाया और खुद उन्होंने दिवंगत वेद प्रकाश के अकाउंट के जरिए एलआईसी की जानकारियों के आधार पर शेयर बाज़ार में ट्रेड किया. इससे उन्होंने बाज़ार नियमों के ख़िलाफ़ जाकर लाभ कमाया. ये मामला सामने आने के बाद LIC ने अब उनका ट्रांसफ़र इन्वेस्टमेंट डिपार्टमेंट से दूसरे डिपार्टमेंट में कर दिया है.

क्या होती है फ्रंट रनिंग
फ्रंट रनिंग का मतलब है कंपनी के अंदर की सूचनाएं जो सार्वजनिक नहीं होतीं उनके आधार पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग के जरिए लाभ उठाना. सेबी (प्रतिभूति बाजार से संबंधित कपटपूर्ण और अनुचित व्यापार प्रथाओं का प्रतिषेध) विनियम, 2003 के हिसाब से फ्रंट-रनिंग धोखाधड़ी मानी जाती है.

Published - April 28, 2023, 06:05 IST