फाइनेंशियल फ्रीडम समिट के पहले सेशन ‘अगले 50 लाख करोड़ कब?’ में SBI Mutual Funds के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर डी पी सिंह ने कहा कि भारत में म्यूचुअल फंड का AUM 50 लाख करोड़ का है. इतने रुपए का सफर काफी अच्छा रहा. इसमें हमारी मेहनत के अलावा मार्केट की मेहनत और देश के ग्रोथ ने योगदान दिया. म्यूचुअल फंड स्टॉक मार्केट का बढ़िया इंस्ट्रूमेंट है. मुझे पूरी उम्मीद है कि 50 लाख करोड़ से 100 लाख करोड़ का सफर जल्दी ही पूरा हो जाएगा. जो ग्रोथ है उसे देखते हुए 2030 तक म्यूचुअल फंड का AUM 100 लाख करोड़ तक पूरा हो जाना चाहिए.फाइनेंशियल फ्रीडम का मतलब है कि जो मेरा गोल है, मेरे दिमाग में साफ होना चाहिए. सबसे बड़ी दुविधा होती है कि मेरा गोल क्या है. मुझे पैसा लगाना है तो फ्रीडम ये है कि मुझे सब कुछ आसानी से मिल जाए और मै तुरंत निवेश कर सकूं. मनी9 ऐप इस फाइनेंशियल फ्रीडम की तरफ एक बहुत बड़ा कदम है.
क्रिप्टो या लॉटरी में म्यूचुअल फंड से ज्यादा निवेश क्यों?
मनी9 के संपादक अंशुमान तिवारी के सवाल- भारत में लोग क्रिप्टो या लॉटरी में म्यूचुअल फंड से ज्यादा निवेश क्यों करते हैं? के जवाब में डी पी सिंह ने कहा कि इसकी वजह कम फाइनेंशियल लिटरसी है. लोग रिस्क लेते हैं, फाइनेंशियल एडुकेशन की कमी है. बहुत सारे ऐप हैं, आपका ऐप भी है जो इसे बदल रहा है. वे लोगों को एडुकेट कर रहे हैं. अब गांव में बैठे लोग भी इन्हें समझने लगे हैं. मुंबई में लोगों के पास जो जानकारी है, वो छोटे शहरों में रहने वाले लोगों के भी पास है. आने वाले 5 साल पिछले 5 साल से अलग होंगे. डीपी सिंह ने कहा 2024 में आएगा जन निवेश.
SIP से क्या बदलाव?
अंशुमान तिवारी के सवाल- भारत में कम आय वाले वर्ग में MF की जानकारी सबसे कम है. 500 रुपए से कम के SIP से क्या कोई बदलाव आ सकता है? सर्वे से भी पता चला कि कम आय वाले लोग ही क्रिप्टो में सबसे ज्यादा पैसे लगा रहे हैं?इसके जवाब में SBI Mutual Funds के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर डी पी सिंह ने कहा कि 500 रुपए से कम की SIP को मैनेज करने का खर्च भी वही है जो 5,000 रुपए की SIP पर आता है. SIP को मैनेज करने का खर्च 35 रुपए है. इसे कम करने का लक्ष्य है. कम आय वाले वर्ग के लोगों को सर्विस देने के लिए लोग नहीं हैं. इसपर काम किया जा रहा है. इससे 250-500 रुपए की SIP के पेनेट्रेशन को बढ़ाने में मदद मिलेगी.