महाराष्ट्र के नासिक जिले में व्यापारियों ने सभी कृषि उपज बाजार समितियों (APMC) में अनिश्चित काल के लिए प्याज की थोक बिक्री रोक दी है. इसमें भारत का सबसे बड़ा थोक प्याज बाजार लासलगांव भी शामिल है. व्यापारियों ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसद ड्यूटी लगाने के केंद्र के फैसले के विरोध में यह फैसला लिया है. व्यापारियों का मानना है कि 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर निर्यात ड्यूटी लगाने के केंद्र सरकार के फैसले से प्याज की कीमतों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
लासालगांव बाजार समिति के डायरेक्टर जयदत्त होल्कर के मुताबिक हाल फिलहाल में प्याज की कीमतों में बहुत ज्यादा उछाल नहीं आया है. प्याज की कीमतें पिछले हफ्ते 20 रुपए प्रति किलोग्राम थी. निर्यात शुल्क लगाने की वजह से बाजार में प्याज की आपूर्ति बढ़ जाएगी, जिससे कीमतें नीचे आजाएंगी. दूसरी ओर अहमदनगर जिले की राहुरी तहसील में किसानों के एक समूह ने भी थोक बाजार में प्याज की बिक्री रोक दी है. राहुरी में प्रदर्शन कर रहे एक किसान का कहना है कि केंद्र सरकार को उनकी परेशानियों पर भी ध्यान देना चाहिए.
खाद्य मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि प्याज पर निर्यात शुल्क लगाने का फैसला बहुत सोच समझकर लिया गया है. इसका मकसद प्याज की घरेलू आपूर्ति को बढ़ाना है. उनका कहना है कि साल की शुरूआत में प्याज का मॉडल प्राइस 20 रुपए प्रति किलोग्राम था, जो सोमवार को बढ़कर 30 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का मानना है कि अगले महीने तक प्याज का भाव 60-70 रुपए प्रति किलोग्राम के ऊपरी स्तर को छू सकता है. बता दें कि सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच प्याज पर 40 फीसद निर्यात शुल्क लगा दिया था. प्याज पर 31 दिसंबर 2023 तक यह निर्यात शुल्क जारी रहेगा.