रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर ने 77.1 करोड़ डॉलर में REC सोलर का अधिग्रहण किया

RNESL: आरईसी ग्रुप अंतरराष्ट्रीय सौर ऊर्जा कंपनी है. यह अपने प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण के जरिये उद्योग की अगुवाई करती है.

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Pixabay - रिलायंस मजबूती से आरईसी के विस्तार की योजना का समर्थन करेगी. इसमें सिंगापुर में 2-3 जीडब्ल्यू सेल्स और मॉड्यूल क्षमता, फ्रांस में नयी 2 जीडब्ल्यू सेल्स और मॉड्यूल इकाई तथा अमेरिका में एक अन्य 1 जीडब्ल्यू मॉड्यूल संयंत्र शामिल हैं.’’

Pixabay - रिलायंस मजबूती से आरईसी के विस्तार की योजना का समर्थन करेगी. इसमें सिंगापुर में 2-3 जीडब्ल्यू सेल्स और मॉड्यूल क्षमता, फ्रांस में नयी 2 जीडब्ल्यू सेल्स और मॉड्यूल इकाई तथा अमेरिका में एक अन्य 1 जीडब्ल्यू मॉड्यूल संयंत्र शामिल हैं.’’

अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की नवगठित ऊर्जा कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लि. (RNESL) ने अपना पहला अधिग्रहण करने की घोषणा की है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की पूर्ण स्वामित्व वाली RNESL ने 77.1 करोड़ डॉलर में REC सोलर को खरीदा है. कंपनी ने रविवार को यह जानकारी दी. एक बयान में कहा गया है, ‘‘आरएनईएसएल ने चाइना नेशनल ब्लूस्टार (ग्रुप) लि. से 77.1 करोड़ डॉलर के उपक्रम मूल्य पर आरईसी सोलर होल्डिंग्स एएस (आरईसी ग्रुप) की 100 प्रतिशत शेयरधारिता का अधिग्रहण किया है.’’

आरईसी का मुख्यालय नॉर्वे में है. इसका परिचालन वाला मुख्यालय सिंगापुर में तथा क्षेत्रीय केंद्र उत्तरी अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया-प्रशांत में हैं.

आरईसी ग्रुप एक अंतरराष्ट्रीय सौर ऊर्जा कंपनी है. यह अपने प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण के जरिये उद्योग की अगुवाई करती है. इस 25 साल पुरानी कंपनी के तीन विनिर्माण संयंत्र हैं.

इनमें से दो नॉर्वे में हैं जहां सौर ग्रेड पोलिसिलिकॉन बनाया जाता है. एक संयंत्र सिंगापुर में है जहां पीवी सेल्स और मॉड्यूल्स बनते हैं.

बयान में कहा गया है, ‘‘रिलायंस मजबूती से आरईसी के विस्तार की योजना का समर्थन करेगी. इसमें सिंगापुर में 2-3 जीडब्ल्यू सेल्स और मॉड्यूल क्षमता, फ्रांस में नयी 2 जीडब्ल्यू सेल्स और मॉड्यूल इकाई तथा अमेरिका में एक अन्य 1 जीडब्ल्यू मॉड्यूल संयंत्र शामिल हैं.’’

भारत में रिलायंस की योजना उद्योग की इस अगुवा प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल अपने जामनगर के धीरूभाई अंबानी हरित ऊर्जा गीगा परिसर में करने का है.

आरईसी के अधिग्रहण से रिलायंस को वैश्विक स्तर पर तैयार मंच उपलब्ध होगा और वह दुनियाभार में महत्वपूर्ण हरित ऊर्जा बाजारों में विस्तार कर सकेगी. इन बाजारों में अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के अन्य स्थान शामिल हैं.

Published - October 10, 2021, 04:58 IST