रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने गुरुवार को कहा कि रिटेल बिजनेस में मौजूद RIL की कंपनी रिलायंस रिटेल का कारोबार 3 से 5 वर्ष में कम से कम 3 गुना बढ़ जाएगा.
उन्होंने कहा कि अगले 3 वर्षों में कंपनी 10 लाख से ज्यादा लोगों के लिए नौकरियां पैदा करेगी साथ ही और भी बहुत सारे लोगों के लिए भी नौकरी के मौके मुहैया कराएगी.
सबसे तेज ग्रोथ करने वाली कंपनियों में
मुकेश अंबानी ने RIL के शेयरधारकों की वार्षिक आम सभा (AGM) में कहा कि रिलायंस रिटेल दुनिया की सबसे तेज ग्रोथ दर्ज करने वाली रिटेल कंपनियों में है. कंपनी का टारगेट दुनिया की टॉप 10 रिटेल कंपनियों में जगह बनाना है.
कंपनी की योजना अगले 3 वर्षों में अपनी ई-कॉमर्स इकाई जियो मार्ट से 1 करोड़ से ज्यादा बिजनेस पार्टनर्स को जोड़ना है.
3 गुनी ग्रोथ की उम्मीद
अंबानी ने कहा, “मुझे यकीन है कि रिलायंस रिटेल तेज वृद्धि के रास्ते पर बढ़ते हुए अगले 3-5 वर्षों में कम से कम 3 गुना ग्रोथ करेगी.’
अंबानी ने कहा कि कंपनी अपनी सेवा का विस्तार करने के लिए व्यापार इकाइयों का अधिग्रहण करना जारी रखेगी. उसने हाल ही में नेटमेड्स, अर्बन लैडर और जिवामे जैसी डिजिटल कंपनियों का अधिग्रहण किया है.
हर रोज 30 लाख यूनिट्स की बिक्री
चुनौतीपूर्ण वर्ष होने के बावजूद रिलायंस रिटेल ने वित्त वर्ष 2020-21 में 1,53,818 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया है और कंपनी का प्रॉफिट बिफोर टैक्स 9,842 करोड़ रुपये रहा है.
उन्होंने कहा कि कंपनी इस समय किराना, इलेक्ट्रानिक सामान और परिधानों के खुदरा कारोबार में सबसे ऊपर है. अंबानी ने कहा कि आज भारत में हर आठवां व्यक्ति रिलायंस रिटेल से खरीदारी करता है. रिलायंस रिटेल हर रोज 30 लाख यूनिट्स किराना के सामान बेचती है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे परिधान के कारोबर में साल में 18 करोड़ यूनिट अपैरल बेचे गए जो रोजाना करीब 5 लाख यूनिट की बिक्री के बराबर है. इतने में ब्रिटेन , जर्मनी और स्पेन तीनों की आबादी के कपड़ों की जरूरत पूरी हो सकती है.
जियो मार्ट से 3 लाख दुकानदार जुड़े
मुकेश अंबानी ने कहा कि जियोमार्ट से 150 शहरों के तीन लाख से ज्यादा दुकानदार जुडे़ हैं और इससे उनको अपने कारोबार का कायकल्प करने में मदद मिली है.
रिलायंस रिटेल ने 2020-21 में फ्यूचर समूह के खुदरा और लॉजिस्टिक्स कारोबार को खरीदने का सौदा किया था. इस सौदे के खिलाफ एमेजॉन की शिकायतों को बाद यह मामला उच्चतम न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा में है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने विदेशी निवेशकों से 47,265 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई जो देश में पूंजी पूंजी जुटाने का अब तक का सबसे बड़ा अभियान रहा है.