हाल के वर्षों में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) काफी लोकप्रिय हुए हैं. इनमें कई तरह के अनूठे प्रोडक्ट आए हैं. ऐसा ही एक प्रोडक्ट है Central Public Sector Enterprise यानी CPSE एक्सचेंज ट्रेडेड फंड. अब सवाल उठता है कि इस फंड में किस तरह के निवेशकों को निवेश करना चाहिए और इनमें निवेश कितना फायदेमंद है?
क्या होते हैं CPSE ETF?
दरअसल, CPSE ETF थीमेटिक फंड कैटेगिरी में आता है. थीमेटिक फंड थीमेटिक म्यूचुअल फंड्स की कैटेगिरी में आते हैं और आमतौर पर किसी एक थीम के शेयरों में निवेश करते हैं. इनमें शॉर्ट टर्म में बेहतरीन रिटर्न मिलता है, लेकिन CPSE ETF के अपने कई जोखिम भी हैं. उदाहरण के लिए CPSE ETF आमतौर पर भारत की कुछ टॉप रेटिंग वाली केंद्र सरकार की कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है. ऐसी कुछ बड़ी कंपनियों में Oil India, NTPC, Bharat Electronics, Power Grid, Coal India और Cochin Shipyard शामिल हैं.
कौन मैनेज करता है फंड?
सीपीएसई ETF फंड Nippon India Asset Management Company मैनेज करती है. निवेशकों को नई यूनिट जारी करने और सब्सिक्रिप्शन देने की जिम्मेदारी इसी कंपनी की होती है. ETF अपने प्रदर्शन की तुलना किसी निश्चित बेंचमार्क से करते हैं. इस फंड की बात करें तो CPSE ETF अपने प्रदर्शन की तुलना NIFTY CPSE Total Return Index से करता है. CPSE ETF ने इस कैटेगिरी के अन्य फंड की तुलना में बहुत अच्छा रिटर्न दिया है.
CPSE ETF में क्या निवेश करना चाहिए?
वैसे तो थीमेटिक फंड किसी सेक्टरोल फंड के मुकाबले ज्यादा व्यापक होते हैं, क्योंकि एक किसी आइडिया के आधार पर कंपनियों और सेक्टर्स का चुनाव करते हैं. उदाहरण के लिए अगर कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर थीम वाला फंड है तो वह सीमेंट, पावर, स्टील जैसे कई सेक्टर में निवेश करता है. लेकिन एक्सपर्ट इस फंड को लेकर बहुत उत्साहजनक राय नहीं रखते. CFP और Investography की फाउंडर श्वेता जैन ने कहती हैं कि आमतौर पर मैं नए निवेशकों को ऐसे किसी थीमेटिक फंड में निवेश करने का सुझाव नहीं देती. अगर कोई इसके जोखिम को समझता है तो वह निवेश कर सकता है. मेरी सलाह यह है कि ऐसे निवेशक SIP के जरिए इस तरह का निवेश करें और कम से कम 5 साल के लिए करें.
असल में PSU शेयरों को लेकर लोग वैसे भी बहुत उत्साह नहीं दिखाते. इसकी वजह यह है कि PSU का कारोबार मजबूत होने के बावजूद ऐतिहासिक रूप से इनके शेयरों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. इसके अलावा एसेट क्लास के रूप में देखें तो इस तरह के फंड में ज्यादा डायवर्सिफिकेशन नहीं है. लॉन्ग टर्म में ऐसे फंड का रिटर्न भी अच्छा नहीं दिख रहा. इसलिए ऐसे निवेशकों के लिए ही इन फंड में निवेश सही है जो शॉर्ट टर्म के लिए SIP के जरिए निवेश करना चाहते हैं.