गांवों में महंगाई का असर साफ देखने को मिल रहा है. लोग अब रोजमर्रा के सामान कम खरीद रहे हैं.देश की दिग्गज कंज्यूमर गुड्स मेकर कंपनी Hindustan Unilever यानी HUL के मार्च तिमाही मुनाफे में 9.6% की बढ़त हुई है. इस दौरान कंपनी को कुल 2552 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ. यह बढ़त एनालिस्ट के अनुमान से कम है. हिंदुस्तान यूनीलीवर साबुन, सर्फ, टूथपेस्ट जैसे रोजमर्रा के उत्पाद बनाती है और इसके पास सर्फ, क्लोजअप जैसे कई ब्रांड काफी लोकप्रिय हैं.
महंगाई के दबाव की वजह से गर्मी में मांग कमजोर हुई है. महंगाई का खासकर कम आय वर्ग या ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों पर ज्यादा असर हुआ है. कंपनी के वॉल्यूम ग्रोथ यानी मात्रा में सामान की बिक्री में इस दौरान महज 4% की बढ़त हुई है, जबकि एनालिस्ट ने 5 से 6% की बढ़त का अनुमान लगाया था. कंपनी का रेवेन्यू इस दौरान 10.6% बढ़कर 14,893 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. हालांकि HUL को लगता है कि आगे कमोडिटी कीमतों में नरमी और ऊंची लागत पर खरीद की हैबिट से वॉल्यूम ग्रोथ फिर से जोड़ पकड़ेगा. मार्च तिमाही में समूचे कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री में ग्रामीण क्षेत्रों में वॉल्यूम ग्रोथ महज 3 फीसद होने का अनुमान है, जबकि पूरे साल के दौरान इसमें 7 फीसद की गिरावट हो सकती है. हालांकि अब हालात बदल रहे हैं. महंगाई में अब नरमी आ रही है.
आगे क्या है उम्मीद
देश की खुदरा महंगाई दर मार्च में घटकर 5.66 फीसद पर आ गई, जो इसका पिछले एक साल का निचला स्तर है. इसके पिछले महीने फरवरी में खुदरा महंगाई दर 6.44 फीसदी थी. वहीं पिछले साल मार्च 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी रही थी. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आगे चलकर ग्रामीण इलाकों में भी लोग रोजमर्रा के सामान खरीदेंगे. HUL का कहना है कि उसने महंगाई का पूरा असर अपने उपभोक्ताओं पर नहीं डाला है. कंपनी का दावा है कि पिछले दो साल में उसने अपने उत्पादों की कीमतों में 18 फीसद तक की बढ़त की है, जबकि उसके पोर्टफोलियो में नेट मटीरियल इंफ्लेशन 60 फीसद तक का रहा है.