30 साल से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में कार्यरत टी रवि शंकर ने केंद्रीय बैंक के नए डिप्टी गवर्नर का कार्यभार संभाल लिया है. वे 3 साल तक के लिए नियुक्त किए गए हैं. 2 अप्रैल को बी पी कानूनगो के रिटायर होने के बाद से ये पद खाली हुआ था. रिजर्व बैंक में कुल 4 डिप्टी गवर्नर होते हैं जिनमें से तीन अन्य डिप्टी गवर्नर हैं – माइकल डी पात्रा, मुकेश कुमार जैन और राजेश्वर राव.
रिजर्व बैंक ने बयान में बताया है कि इससे पहले टी रवि शंकर RBI में कार्यकारी निदेशक के पद पर थे. मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शनिवार को नए आरबीआई डिप्टी गवर्नर (RBI Deputy Governor) के रूप में शंकर की नियुक्ति को मंजूरी दी.
शंकर सन 1990 में भारतीय रिजर्व बैंक के साथ जुड़े थे और बतौर एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर वे पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम्स विभाग, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग, और फिनटेक और रिस्क मॉनिटरिंग विभाग का कार्यभार संभाले थे. उन्हें पब्लिक डेट मैनेजमेंट, फाइनेंशियल मार्केट के रेगुलेशन और पेमेंट सिस्टम्स और IT इंफ्रा में अच्छा अनुभव है.
RBI की दी जानकारी में बताया गया है कि शंकर ने 2005 से 2011 के बीच IMF कंसल्टेंट की भूमिका भी निभाई है.
शंकर ने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में एमफिल (MPhil) किया है.
आरबीआई (RBI) ने कहा, ‘‘तीन मई 2021 की भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार टी रवि शंकर ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के रूप में तीन साल की अवधि के लिए या अगले आदेशों तक, जो भी पहले हो, जिम्मेदारी संभाली.’’