आरबीआई (RBI) ने बैंकों में बिना दावे वाली पड़ी रकम के मालिकों को खोजने के लिए एक जून से 100 दिन का अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत हर बैंक 100 दिनों के अंदर देश के हर जिले में शीर्ष 100 बिना दावे वाले जमाकर्ताओं को खोजेगा और उसका भुगतान करेगा. आरबीआई के पास बैंकों में जमा बिना दावे वाली 35,000 करोड़ रुपए की रकम जमा है.
शेयर समाधान की रिसर्च के मुताबित इंवेस्टर एजुकेशन प्रोटेक्शन फंड (IEPF) में बिना दावे के डिविडेंड के 5539.25 करोड़ रुपए जमा हैं. सीनियर सीटिजन वेलफेयर फंड में प्रोविडेंट फंड के 80,000करोड़ और बीमा की 23,241करोड़ से ज्यादा की रकम का कोई दावेदार नहीं है. इस तरह कुल 1.43 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की ऐसी रकम है जिसका कोई दावेदार नहीं है. सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द यह पैसा जिनका है उन्हें मिले. इसीलिए आरबीआई ने अभियान शुरू किया है. माना जा रहा है अन्य रेगुलेटर भी इसी तरह की कवायद शुरू करेंगे.
आपका पैसा कब बन जाता है अनक्लेम्ड?
बैंक खाते में अगर10साल तक कोई लेनदेन न हो तो बैंक उसे इनऑपरेटिव अकाउंट मान लेते हैं. इनऑपरेटिव यानी जिसे कोई इस्तेमाल न कर रहा हो. इसकी शुरुआत तब होती है जब खाते में एक साल तक कोई लेनदेन न हो तो ये पहले निष्क्रिय यानी इनएक्टिव बनता है. फिर बिना किसी ट्रांजैक्शन के दो साल बीत जाते हैं तो उसे डॉरमेंट अकाउंट माना जाता है. जब इस खाते की रकम को आठ साल तक क्लेम नहीं किया जाता है तो उसे इनऑपरेटिव अकाउंट घोषित करके बैंक उसमें जमा पैसों को डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड यानी DEAF में ट्रांसफर कर देता है.
बैंक खाते की ही तरह बीमा, पीफ औरPPF की रकम का दावा भी अगर 10साल में नहीं किया जाता है तो जमा रकम सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड में ट्रांसफर कर दी जाती है. शेयरों के मामले में ये नियम अलग है. अगर शेयरधारक 7साल तक शेयरों के डिविडेंड को नहीं क्लेम करते तो सारा पैसा सरकार के IEPF में डाल दिया जाता है.
कैसे पता करें अनक्लेम्ड राशि?
बैंक अकाउंट का पता लगाना है तो हर बैंक की वेबसाइट पर अनक्लेमड अकाउंट के बारे में जान सकते हैं. खाताधारक का नाम, पता, पैन, जन्म तिथि जैसी जानकारी देकर पुराने भूले हुए अकाउंट का पता लगा सकते हैं. अगर अकाउंट इनऑपरेटिव हो गया है और रकम DEAF में जमा हो चुकी है तब भी बैंक के पास दावा दायर कर सकते हैं. IEPF में भी बिना दावे के शेयर्स का पता निवेशक के नाम और Folio Numberसे लगाया जा सकता है.
क्यों पड़ी है बिना दावे की राशि?
बिना दावे के पैसों के पीछे दो वजह हैं- पहली बैंक अकाउंट से लेनदेन करना बंद कर दिया लेकिन अकाउंट को बंद कराना भूल गए. दूसरी खाताधारक नहीं रहा और उस अकाउंट या निवेश की जानकारी परिवार में किसी के पास नहीं है. ऐसी स्थिती से बचने के लिए अपने बैंक अकाउंट से लेकर निवेश तक नॉमिनी जरूर बनाएं..अगर पता बदल रहें हैं तो बैंक में भी एड्रेस जरूर बदल लें यानी KYCको अपडटे रखें. बैंक अकाउंट के मामले में अगर उस अकाउंट की जरूरत नहीं है तो उसे बंंद कर दें. सबसे जरूरी बात अपने निवेश और पैसों की जानकारी परिवार से जरूर शेयर करें. बताना नहीं चाहते हों तो सारी जानकारी एक जगह रखें जिसकी जानकारी परिवार को हो.
ध्यान रहे पैसा आपका है..बचत और निवेश भी आप अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए कर रहे हैं लेकिन एक छोटी सी गलती आपके परिवार को इससे वंचित रख सकती है. अगर आपने नॉमिनी अपडेट नहीं किया तो आज ही कीजिए और परिवार को अपने बैंक खातों, बीमा और निवेश के बारे में जरूर बताकर चैन की सांस लीजिए.