3 दिन चली मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को मौद्रिक नीति की घोषणा की. रिजर्व बैंक ने अपनी घोषणा में पॉलिसी दरों में तो कोई बदलाव नहीं किया लेकिन ये जरूर कहा है कि जुलाई और अगस्त के दौरान महंगाई दर बढ़ सकती है. रिजर्व बैंक ने फिलहाल रेपो रेट को 6.5 फीसद पर स्थिर रखा है, इस फैसले के बाद बैंकों पर अपनी MCLR दर बढ़ाने का दबाव नहीं होगा और MCLR दर नहीं बढ़ी तो होमलोन की EMI भी नहीं बढ़ेगी
रिजर्व बैंक गर्वनर शक्तिकांत दास ने आशंका जताई है कि देश में पॉलिसी दरें ऊपरी स्तर पर लंबे समय पर बनी रह सकती है, यानी रेपो रेट में जल्द कटौती की कोई उम्मीद नहीं है. जिसकी वजह से बैंकों लंबे समय तक कर्ज की दर ऊपरी स्तर पर बनाए रखनी होगी, साथ में होमलोन की EMI भी ऊपरी स्तर पर बनी रह सकती है. हालांकि लंबे समय तक पॉलिसी दर ऊपरी स्तर पर बनी रही तो बैंक में FD पर बढ़ा हुआ ब्याज भी लंबे समय तक मिलता रहेगा.
अगस्त की पॉलिसी में रिजर्व बैंक ने हालांकि रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है, लेकिन बैंकों को 19 मई से 28 जुलाई के दौरान नेट डिमांड एंट टाइम लाइबिलिटी यानी NDLT के तहत आए ज्यादा रिजर्व पर कैश रिजर्व रेश्यो यानी CRR के तहत अतीरिक्त 10 फीसद रखने के लिए कहा गया है, बैंकों को यह राशि 12 अगस्त से रिजर्व रखनी होगी. 19 मई के बाद से बैंकों में 2000 रुपए के नोट जमा हुए हैं जिस वजह से उनके पास अतीरिक्त लिक्विडिटी बढ़ गई है, इसे ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने यह कदम उठाया है. रिजर्व बैंक के इस कदम से अर्थव्यवस्था में अतीरिक्त लिक्विडिटी कम होगी जिससे महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी. इस कदम से बैंकों के पास लिक्विडिटी कम होगी और उन्हें लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए ग्राहकों से ज्यादा जमा की जरूरत होगी, जिसके लिए बैंक जमा पर ब्याज बढ़ा सकते हैं.
रिजर्व बैंक ने सितंबर तिमाही के लिए महंगाई के अपने अनुमान में 100 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है, ताजा अनुमान में कहा गया है कि सितंबर तिमाही के दौरान देश में औसत रिटेल महंगाई दर 6.2 फीसद रह सकती है, इससे पहले जून तिमाही में 5.2 फीसद औसत महंगाई दर का अनुमान लगाया गया था. सितंबर तिमाही के लिए महंगाई का अनुमान बढ़ने की वजह से पूरे वित्तवर्ष 2023-24 के लिए भी महंगाई के अनुमान में 30 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी हुई है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा है कि पूरे वित्तवर्ष 2023-24 के दौरान देश में औसत महंगाई दर 5.4 फीसद रह सकती है, इससे पहले जून तिमाही में 5.1 फीसद ग्रोथ का अनुमान लगाया गया था.