Ratle Hydroelectric Project: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने किस्तवाड़ जिले में चेनाब नदी पर 850 मेगा वाट क्षमता की प्रस्तावित रटल पन-बिजली परियोजना (Ratle Hydroelectric Project) के निर्माण के लिए एक संयुक्त कंपनी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. रटल हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर कार्पोरेशन नाम से इस साझा उपक्रम के गठन का निर्णय उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में यहां इस केंद्र शासित क्षेत्र की प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिय गया है. इस पर 5,281.94 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.
प्रशासन के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कंपनी की अधिकृत पूंजी 1,600 करोड़ रुपये रखी गयी. शुरू में इसके लिए 100 करोड़ रुपये दिए जायेंगे. इस प्रारंभिक शेयर पूंजी में 49 करोड़ रुपये का योगदान जेकेएसपीडीसीएल (जम्मू कश्मीर की बिजली विकास कंपनी) करेगी.
कंपनी के गठन के करार पर जम्मू कश्मीर प्रशासन , जेकेएसपीडीसीएल और केंद्र सरकार के उपक्रम नेशनल हाइड्रो-पावर कार्पोरेशन लिए ने इस साल तीन जनवरी को हस्ताक्षर किए थे. यह करार उप-राज्यपाल की उपस्थिति में हुआ था.
प्रवक्ता ने कहा कि इस परियोजना से इस केंद्र शासित क्षेत्र की विद्युत उत्पादन क्षमता में बड़ी वृद्धि होगी. इससे जम्मू कश्मीर को वित्तीय और विकास संबंधी लाभ प्राप्त होंगे तथा सिंधु नदी जल बंटवारा संधि के अनुसार पश्चिमी नदियों के जल का अच्छा उपयोग किया जा सकेगा.
सितंबर 2018 में तत्कालीन राज्य विकास परिषद (एसएसी) पे इस परियोजना को केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी में विकसित करने की मंजूरी दी थी. तत्कालीन गवर्नर सतपाल मलिक की अध्यक्षता में यह भी तय हुआ था की सात साल तक परिचालन के बाद यह परियोजना राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दी जाएगी.
अक्टूबर 2020 में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) ने इस संयुक्त उद्यम के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी इसमें एनएचपीसी की ओर से 808.14 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी लगाये जाने की स्वीकृति दी थी. साथ ही यह प्रस्ताव भी किया गया कि जेकेपीडसी की ओर से 776.44 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी का प्रबंध करने के लिए केंद्र अनुदान देगा.