गुजरात में Tea Post के नाम से कोई अनजान नहीं है. चाय के शौकीनों के बीच ये नाम काफी मशहूर है. गुजरात में चाय की कीटली (ठेले पर बिकने वाली चाय) कल्चर को कैफे कल्चर में बदलने श्रेय जाता है दर्शन दासाणी को.
दर्शन ने 2013 में गुजरात के राजकोट से टी पोस्ट (Tea Post) स्टार्टअप की शुरुआत की और आज देश के 4 राज्य में 170 से ज्यादा आउटलेट्स पर वो लोगों को अलग-अलग फ्लेवर की चाय का टेस्ट करवा रहे हैं.
Tea Post का सफरनामा
2013 में राजकोट के कालावाड रोड पर सड़क किनारे शुरू किए गए बिजनेस को ऑर्गेनाइज बिजनेस में तबदील करने के विचार से इस स्टार्टअप की शुरुआत हुई.
लेकिन, ये कहानी इससे पहले की है. टी पोस्ट (Tea Post) के मालिक दर्शनभाई रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़े थे. 2006 में उन्होने पश्चिम बंगाल में 1,000 एकड़ का चाय बागान खरीदा. लेकिन, उनका ये कारोबार चल नहीं सका और उनको काफी घाटा भी उठाना पड़ा.
उसके बाद चाय के धंधे में नुकसान हुआ है तो चाय के बिजनेस से ही कमाएंगे ऐसी सोच के साथ उन्होंने चाय बेचनी शुरू कर दी. लेकिन, 2011 में एक घटना ने उनकी जिंदगी बदल दी.
दर्शनभाई और उनके पार्टनर अक्सर रियल एस्टेट के कामकाज के संबंध में चाय के ठेले पर इकठ्ठा होते थे. वहीं, उनकी बातचीत होती रहती थी.
एक दिन वो चाय पी रहे थे और बगल में एक पावभाजी की दुकान थी. इस दुकान का मालिक कारोबार में घाटे के चलते इसे 5 करोड़ में बेचना चाहता था.
दर्शनभाई ने मजाक के चाय वाले से कहा की आप ये दुकान क्यों नहीं खरीद लेते. तब उस चाय वाले ने कहा कि 4.80 करोड़ रुपये तक तो देने को मैं तैयार हूं, आप सौदा करवा लो.
चाय वाले की बात सुनकर उनको लगा की अगर एक फुटपाथ पे चाय बेचने वाला इतना कमा लेता है कि करोड़ों की दुकान खरीद सके तो मुझे इसी बिजनेस में जाना चाहिए.
कैसे फैलाया बिजनेस
दर्शनभाई ने शुरू में 8 लाख रुपये से टी पोस्ट (Tea Post) का पहला आउटलेट शुरू किया. पहले वे खुद ही चाय की दुकान संभालते थे.
शुरुआत में तो लोगों ने उनका मजाक भी बनाया. लेकिन, उनके दिमाग में इस तरह की 100 दुकानें खोलने की योजना चल रही थी.
उनकी सोच हर रोज 1 लाख चाय बेचने की थी. वे एक कप चाय पर बस 1 रुपये कमाना चाहते थे.
उस समय राजकोट में चाय को दुकान में जाकर पीने का कोइ कल्चर ही नहीं था. तो टी पोस्ट (Tea Post) ने फ्री वाईफाई देकर लोगों को अपनी और खींचा और पहले ही महीने 79,000 रुपये का प्रॉफिट हासिल किया.
उनका ये बिजनेस मॉडल इतना सफल हुआ कि सिर्फ दो साल में फ्रेंचाइजी मॉडल से 57 आउटलेट खुल गए.
दर्शभाई सिद्धांतों पर चलने वाले इंसान हैं. कई लोगों की सलाह को नकारते हुए उन्होने टी पोस्ट (Tea Post) को नो स्मोकिंग ही रखा है.