रेलवे ने कम किराये के साथ नई एसी-3 टियर इकॉनोमी क्‍लास कोच की शुरूआत की

थ्री एसी कोच में 72 बर्थ के बजाय 83 बर्थ होंगे. इस कोच का किराया थ्री एसी कोच के मुकाबले आठ प्रतिशत कम रखा गया है.

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भगत की कोठी स्पेशल प्रत्येक शुक्रवार को पुणे से 20.10 बजे प्रस्थान करेगी और अगले दिन 19.55 बजे भगत की कोठी पहुंचेगी. यह ट्रेन 22 अक्टूबर से 19 नवंबर 2021 तक चलेगी

भगत की कोठी स्पेशल प्रत्येक शुक्रवार को पुणे से 20.10 बजे प्रस्थान करेगी और अगले दिन 19.55 बजे भगत की कोठी पहुंचेगी. यह ट्रेन 22 अक्टूबर से 19 नवंबर 2021 तक चलेगी

Indian Railway: रेलवे ने आज से कम किए गए किराये के साथ नई एसी-3 टियर इकॉनोमी क्‍लास कोच की शुरूआत की है. यह सेवा आज शुरू हुई और पहली बार प्रयागराज-जयपुर एक्‍सप्रेस-02403 के साथ एक कोच लगाया गया. रेल मंत्रालय ने बताया कि नई एसी-3 टियर इकॉनोमी क्‍लास में थ्री एसी कोच में 72 बर्थ के बजाय 83 बर्थ होंगे. इस कोच का किराया थ्री एसी कोच के मुकाबले आठ प्रतिशत कम रखा गया है.

रेल मंत्रालय ने बताया कि दो और रेलगाड़ियों- नई दिल्‍ली-लखनऊ एसी स्‍पेशल और लखनऊ मेल के साथ भी नया थ्री एसी इकॉनोमी कोच लगाया जाएगा. रेल कोच फैक्‍ट्री, कपूरथला शुरू में पचास नए इकॉनोमी कोच बनाएगी और रेलवे विभिन्‍न ज़ोन में मेल और एक्‍सप्रेस रेलगाड़ियों में यह सेवा प्रदान करने के लिए तैयार है. नए कोच और शौचालय में विकलांगों के प्रवेश के लिए व्‍हील चेयर सुविधा भी उपलब्‍ध है. रेलयात्रा अधिक आरामदायक बनाने के लिए सीटों और बर्थ का मॉड्यूलर डिजाइन बनाया गया है. इससे कोच का वज़न कम होगा और रख-रखाव भी बेहतर होगा.

पहली टेक्सटाइल पार्सल ट्रेन बिहार के लिए रवाना

गुजरात के सूरत से टेक्सटाइल से जुड़े सामान को बिहार ले जाने के लिए 25 मालगाड़ी के डिब्बों से लैस पहली विशेष ‘कपड़ा पार्सल’ ट्रेन को शनिवार को रवाना किया गया. देश में जिस तरह पहली बार कृषि उत्पादों को ढोने के लिए किसान रेल चलाई गई थी, उसी तर्ज पर कपड़े के व्यवसाय में लगे लोगों की मदद के लिए कपड़ा पार्सल ट्रेन शुरू की गई है. गुजरात का सूरत टेक्सटाइल इंडस्ट्री का हब माना जाता है जहां से यह मालगाड़ी बिहार के लिए निकली है.

कोरोना के दौरान सूरत के कपड़ा व्यवसाय पर गंभीर असर पड़ा है. लॉकडाउन और तमाम बंदिशों के चलते सूरत की फैक्ट्रियों में माल भरे पड़े हैं. हालांकि नए ऑर्डर पर कुछ असर दिखा है क्योंकि लॉकडाउन का ऐलान होते ही कपड़ा मिलों में काम करने वाले श्रमिक अपने गांव-घर लौट गए थे. अब जब लॉकडाउन खत्म हुआ है तो लोग मिलों की तरफ रूख कर रहे हैं. मिलें चल पड़ी हैं और कपड़े का उत्पादन भी तेज हो गया है.

हालांकि ट्रेनों की आवाजाही में अभी पाबंदियों का असर है जिसे दूर करने के लिए रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है. परिवहन के चलते कपड़ा व्यवसायियों को सप्लाई में दिक्कत न हो, इसके लिए रेलवे ने टेक्सटाइल से जुड़े माल सूरत से बिहार भेजने के लिए पार्सल ट्रेन चलाई है.

Published - September 7, 2021, 12:20 IST