किन कंपनियों ने बढ़ाईं Go First की मुश्किलें?

कंपनी को लीज पर विमान देने वाली दो और कंपनियों ने दी NCLT के फैसले को चुनौती.

किन कंपनियों ने बढ़ाईं Go First की मुश्किलें?

पट्टे पर विमान देने वाली कंपनी एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लिमिटेड ने गो फर्स्ट की दिवाला प्रक्रिया को 'फर्जीवाड़ा' करार दिया है.

पट्टे पर विमान देने वाली कंपनी एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लिमिटेड ने गो फर्स्ट की दिवाला प्रक्रिया को 'फर्जीवाड़ा' करार दिया है.

कर्ज के संकट में फंसी निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) की स्वेच्छा से दिवालिया होने की अर्जी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में भले ही स्वीकार कर ली है लेकिन उसकी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. कंपनी को लीज पर विमान देने वाली दो और कंपनियों ने एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत एनसीएलएटी (NCLAT) में चुनौती दी है.

दरअसल, एनसीएलटी ने अपने फैसले में कहा है कि मॉरोटोरियम लगने के बाद पट्टेदार कंपनियां छह महीने तक अपने विमान वापस नहीं ले सकतीं. इसी फैसले के खिलाफ अब तक तीन पटेट्दार कंपनियां ऊपरी अदालत में अपनी अर्जी दे चुकी हैं. कंपनी को लीज पर विमान देने वाली कंपनी जीवाई (GY) एविएशन और एसएफवी (SFV) एयरक्राफ्ट होल्डिंग ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में कहा है कि गो फर्स्ट की दिवाला प्रक्रिया शुरू करने में जल्दबाजी की गई है. इससे पूर्व एक और पट्टेदार कंपनी एसएमबीसी (SMBC) एविएशन कैपिटल लिमिटेड एनसीएलटी के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे चुकी है.

दिवाला अर्जी पर सवाल

पट्टे पर विमान देने वाली कंपनी एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लिमिटेड ने गो फर्स्ट की दिवाला प्रक्रिया को ‘फर्जीवाड़ा’ करार दिया है. ऊपरी अदालत में SMBC ने दलील दी है कि एनसीएलटी का स्थगन आदेश आने के पहले ही एयरलाइन के साथ विमानों का पट्टा निरस्त कर दिया गया था और अब वह दिवाला प्रक्रिया के जरिए अपने विमानों को वापस लेना चाहती है. पट्टेदार कंपनी ने कहा कि गो फर्स्ट का इन विमानों पर कोई अधिकार नहीं है क्योंकि इनका स्वामित्व उसके पास नहीं है. SMBC ने कहा कि एनसीएलटी ने विमान मुहैया कराने वाली कंपनियों का पक्ष सुने बगैर ही एक दिन में गो फर्स्ट की अर्जी पर सुनवाई पूरी कर ली थी. जब खुद याची कंपनी ही कह रही थी कि किसी भी वित्तीय कर्जदाता के प्रति कोई चूक नहीं हुई है तो दिवालिया होने की आखिर इतनी जल्दी क्या थी एसएमबीसी की अर्जी पर अभी सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है.

और भी हैं चुनौतियां

इस बीच एनसीएलटी की ओर से कंपनी का परिचालन बहाल करने के लिए नियुक्त किए गए अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) अभिलाष लाल ने कर्मचारियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा है कि कंपनी में किसी की छंटनी नहीं की जाएगी. एयरलाइन की सेवाएं बहाल करने के लिए सभी को जी-जान से तैयार रहना होगा. कंपनी का स्वेच्छा से दिवालिया होने का फैसला अपने आप में अनूठा है. यह कदम कंपनी और कर्मचारियों के हित में उठाया गया है. इससे पूर्व देश में जो भी कंपनी दीवालिया हुईं हैं वह कर्जदाताओं के दबाव में आकर एनसीएलटी में गई हैं. लेकिन परिचालन बहाल करा पाना आईआरपी के लिए आसान काम नहीं है. परिचालन शुरू करने से पहले उन्हें विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए (DGCA) को सुरक्षित उड़ाने को लेकर आश्वस्त करना होगा. परिचालन के लिए फंड की व्यवस्था कैसे होगी, यह भी एक बड़ी चुनौती है.

Published - May 12, 2023, 03:06 IST