प्रधानमंत्री (prime minister) नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कई कदम उठाए. प्रधानमंत्री(prime minister) ने तीन तलाक पर प्रतिबंध, कृषि बिल, नागरिकता कानून और अनुच्छेद 370 को समाप्त करना आदि कई काम किए. उद्यमियों और कॉर्पोरेट क्षेत्र की आलोचना के खिलाफ प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा कि निजी क्षेत्र की भारत की अन्य राष्ट्रों की लीग में अभी जो स्थिति है, इसमें युवाओं की बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री(prime minister) के मुताबिक हमें अपने राष्ट्र के युवाओं की क्षमता पर भरोसा करने की जरूरत है.
कहा कि अब दुनिया बदल गई है और समाज में भी बहुत बदलाव आए हैं. वोट लेने के लिए अब निजी क्षेत्र का दुरुपयोग करते हुए उनकी आलोचना करने से कोई फायदा नहीं होगा. देश के लिए वेल्थ क्रिएटरों की जरूरत है. जबतक ऐसा नहीं होगा तो बेरोजगारों को रोजगार और जरूरतमंदों की मदद कौन करेगा. वेल्थ क्रिएटर होंगे तभी तो हम गरीबों को धन बांट पाएंगे. कहा कि हम अपने देश के युवाओं को बेहतर अवसर दे सकते हैं. हर कोई बाबू बन जाएगा तो व्यवस्था कैसे चलेगी. देश को बाबुओं को सौंपने से कुछ हासिल नहीं होगा. हमारे बाबू भी देश के हैं और युवा भी देश के हैं. अगर कोई IAS बन गया तो वो हवाई जहाज भी उडाएगा, कारखाना भी चलाएगा. ऐसा नहीं हो सकता. हमारे युवा इस देश हैं और वो देश को आगे बढाने में मददगार होंगे. नौकरशाही शायद किसी भी देश में किसी भी सरकारी मशीनरी का एक जरूरी हिस्सा है, लेकिन प्रधानमंत्री राष्ट्र निर्माण में सिर्फ नौकरशाही पर निर्भर नहीं रहने का उल्लेख कर रहे थे। कहा कि हम अपने युवाओं को जितने ज्यादा अवसर देंगे हमें उतना ही फायदा होने वाला है.
अगर पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक सुधार किए तो मोदी सुधारों की एक दूसरी लहर लाने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में वह अक्सर समाज में निजी क्षेत्र के उद्यमियों को सम्मान देने की जरूरत पर बात करते रहे हैं. जो कि उद्यमियों को कभी मिला नहीं.
15 अगस्त वर्ष 2019 में लाल किले से बोलते हुए, प्रधानमंत्री(prime minister) मोदी ने कहा था कि धन निर्माता देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्हें संदेह के साथ नहीं देखा जाना चाहिए. जब धन निर्माता होंगे तभी देश आगे बढेगा. धन निर्माताओं और उनके इरादों पर कभी संदेह नहीं करना चाहिए. धन निर्माताओं को सम्मान और श्रेय मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने अपनी इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए ट्विटर का भी सहारा लिया। उनके मुताबिक, रुपए कमाना भी एक महान राष्ट्रीय सेवा है. जो धन का सृजन करता है वो धन देश के काम आता है. ऐसे में रुपयों को कमाना बहुत जरूरी है.
बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण में मोशन ऑफ थैंक्स का जवाब देते हुए उन्होंने निजी क्षेत्र की भूमिका को अधिक सशक्त बनाने का समर्थन किया। उनके मुताबिक, कोई भी सेक्टर ले लें, चाहे टेलीकॉम हो या फार्मा इसके माध्यम से देश मानवता की सेवा करने में सक्षम रहा है. बुधवार को संसद के निचले सदन में मोदी की बयानबाजी में उनकी मुखर बॉडी लैंगवेज नजर आई. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब देश के लिए धन कमाने वालों की संख्या बढेगी तो इसका फायदा सभी को मिलेगा. असल में मोदी को जब भी मौका मिला उन्होंने हमेशा उद्यमियों को सम्मान देने की जरूरत पर जोर दिया.