देश के छोटे और गरीब किसानों की आमदनी को सपोर्ट देने के लिए केंद्र सरकार ने PM किसान सम्मान निधि योजना को 1 दिसंबर 2018 को लागू किया था. इस स्कीम के तहत किसानों को 6,000 रुपये सालाना दिए जाते हैं. सरकार ये रकम किसानों को तीन बराबर किस्तों में देती है.
इस स्कीम के तहत पैसे पाने के लिए आपको पीएम किसान के पोर्टल पर या फिर पीएम किसान एप पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है. लेकिन, अगर आपसे रजिस्ट्रेशन में कोई गलती हो गई है तो आप इसे घर बैठे ही दुरुस्त कर सकते हैं.
केंद्र सरकार ने लोगों की दिक्कतों को देखते हुए इसमें गलतियों को सुधारने की एक आसान प्रक्रिया बनाई है. हाल में ही कई लोगों को पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त नहीं मिल सकी. इसके पीछे एक वजह यह थी लोगों ने रजिस्ट्रेशन फॉर्म में गलतियां की थीं.
कई लोगों ने इसमें अपने आधार नंबर गलत दर्ज किए थे या अपने खाते की गलत जानकारी भरी थी. इसके चलते इन लोगों के पेमेंट रोक दिए गए.
ऐसे में कई किसानों को ये फिक्र हो रही है कि क्या उन्हें पीएम किसान का पैसा मिल पाएगा या नहीं. इन लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. यहां हम आपको ऐसे आसान स्टेप्स बता रहे हैं जिनके जरिए आप आसानी से अपने भरे गए ब्योरे को ठीक कर सकते हैं.
ऐसे सुधारें गलती
अपने रजिस्ट्रेशन फॉर्म में गलती सुधारने के लिए आपको पीएम किसान वेबसाइट पर जाना पड़ेगा. इसके बाद आपको फार्मर्स कॉर्नर पर क्लिक करना होगा
आपको आधार एडिट का लिंक दिखेगा और यहां पर आप अपने आधार नंबर को चेक कर सकते हैं और इस जानकारी में बदलाव कर सकते हैं.
इसके साथ ही दूसरे किसी बदलाव के लिए आपको अपडेशन ऑफ सेल्फ रजिस्टर्ड फार्मर के ऑप्शन पर क्लिक कीजिए.
इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुलेगा. यहां आपको आधार नंबर और कैप्चा कोड डालना होगा. इसके बाद आपको सर्च बटन पर क्लिक करना होगा.
अगर आपकी जानकारी का मिलान हो जाता है तो आपके द्वारा भरा गया रजिस्ट्रेशन फॉर्म आ जाएगा.
इस रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आप अपने संबंधित बदलाव कर दीजिए. संशोधन के बाद आप फॉर्म सबमिट कर सकते हैं.
ये है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय रूप से मदद देने के लिए केंद्र सरकार ने इस स्कीम को शुरू किया है. इसमें पूरी वित्तीय मदद केंद्र सरकार दे रही है. इसमें छोटे किसान परिवार के तौर पर पति, पत्नी और अवयस्क बच्चों को माना गया है. साथ ही ऐसे परिवार के पास 2 हेक्टेयर से ज्यादा कृषि योग्य जमीन नहीं होनी चाहिए. केंद्र सरकार के अनुमान के मुताबिक, देश में ऐसे छोटे और सीमांत किसान परिवारों की संख्या करीब 12.5 करोड़ है.
अब तक सरकार इस योजना की सात किस्तें जारी कर चुकी है.