ऐप स्टोर मार्केट में गूगल (Google) की मोनोपली और इसके दुरुपयोग की बढ़ती शिकायतों के बीच फिनटेक कंपनी फोनपे (PhonePe) अपना ऐप स्टोर लाने जा रही है. कंपनी भारतीय बाजार में एक स्थानीय ऐप स्टोर लाने की तैयारी कर रही है. इस समय एंड्रॉयड (Android) ऐप स्टोर वर्ग में गूगल के प्ले स्टोर (Play Store) का वर्चस्व है. फोनपे के मुताबिक उसका ऐप स्टोर भारत में लाखों यूजर को एक ‘प्रीमियर एक्सपीरियंस’ देगा. साथ ही 12 भारतीय भाषाओं में सपोर्ट, 24×7 लाइव चैट की सुविधा देगा.
फिनटेक और पेमेंट सर्विस कंपनी कई स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के संपर्क में है. ये कंपनियां हाल ही में आए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के आदेश के बाद दूसरे विकल्पों पर विचार करने की इच्छुक दिख रही हैं. गौरतलब है कि आयोग के इस आदेश में कहा गया था कि अमेरिकी टेक कंपनी ने भारतीय बाजार में अपने वर्चस्व का दुरुपयोग किया. आयोग ने इसके साथ ही कंपनी पर 16.1 करोड़ डॉलर का भारी भरकम जुर्माना लगाया था.
देसी ऐप के फायदे?
हालांकि फोनपे की पैरेंट कंपनी वॉलमार्ट (Wallmart) है जो खुद एक अमेरिकी कंपनी है. इस साल जनवरी में फोनपे ने वॉलमार्ट की ही कंपनी फ्लिपकार्ट से खुद को अलग कर लिया और भारत में अपना डोमिसाइल शिफ्ट कर लिया. फोनपे भारत में फिनटेक और पेमेंट सर्विस सेक्टर की दिग्गज कंपनी है. फोनपे देश में सबसे बड़ा यूपीआई (UPI) पेमेंट प्लेटफॉर्म है. इन तमाम वजहों से कंपनी की बाजार पर बड़ी पकड़ है, साथ ही उसे वॉलमार्ट की बैकिंग हासिल है तो वह ऐप स्टोर के मार्केट में गूगल के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकती है. बाजार पर उसकी पकड़ का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कंपनी के पास 35 करोड़ से ज्यादा यूजर है. नया ऐप स्टोर आने से फोन निर्माताओं और नए ऐप्स को भी एक नया विकल्प मिलेगा. यूजर यानी ग्राहकों का भी फायदा हो सकता है क्योंकि बाजार में कॉम्पिटिशन का मतलब है – कस्टमर इज किंग. एक और बात, केवल भाषा के आधार पर ही नहीं बल्कि सर्च और कंज्यूमर इंटरेस्ट के लिहाज से भी देश में एक ज्यादा लोकलाइज्ड ऐप स्टोर यानी स्थानीय जरूरत वाले ऐप स्टोर की जरूरत है, तो ये जरूरत शायद ये नया ऐप स्टोर पूरी कर दे.