कोविड वैक्सीन के बूस्टर डोज की तैयारी में फाइजर, क्या वाकई में जरूरी है तीसरा डोज?

Pfizer का दावा है कि बूस्टर डोज कोविड के नए डेल्टा वेरिएंट पर भी प्रभावी है. कोरोना का डेल्टा वेरिएंट दुनिया के कई देशों में फैल गया है.

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Picture: PTI, फाइजर ने मांगी बूस्टर डोज के लिए इजाजत, सेन्ट्रल एजेंसीज ने कहा- फिलहाल इसकी जरूरत नहीं

Picture: PTI, फाइजर ने मांगी बूस्टर डोज के लिए इजाजत, सेन्ट्रल एजेंसीज ने कहा- फिलहाल इसकी जरूरत नहीं

अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर (Pfizer) कोविड वैक्सीन के टीके का बूस्टर शॉट लाने की तैयारी में है. कंपनी का कहना है कि वैक्सीन के दो शॉट का प्रभाव टीका लगाने के 6 महीने बाद कम हो जाता है. फाइजर (Pfizer) का दावा है कि बूस्टर डोज कोविड के नए डेल्टा वेरिएंट पर भी प्रभावी है. इस समय कोरोना का डेल्टा वेरिएंट दुनिया के कई देशों में फैल गया है. फायजर ने अमेरिका की एजेंसीज FDA (Food and Drug Administration) और CDC (Centers for Disease Control) से इस बूस्टर डोज को अधिकृत (authorize) करने की मांग की है.

हालांकि, अमेरिका की इन सेंट्रल एजेंसीज ने इस मामले में फाइजर (Pfizer) को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा है कि बूस्टर डोज के बारे में अभी कुछ भी तय नहीं किया गया है. इस बारे में कोई भी फैसला वैज्ञानिक आधार पर ही लिया जा सकता है और फिलहाल इस प्रकार के बूस्टर डोज की कोई जरूरत नहीं दिखाई देती.

फाइजर (Pfizer) कंपनी और उसके जर्मन पार्टनर BioNTech के मुताबिक, बूस्टर डोज, वैक्सीन की दूसरी खुराक के 6 माह के अंतराल पर दिया जाना है. इससे वायरस के खिलाफ बनने वाले एंटीबॉडीज में 5 से लेकर 10 गुना तक बढ़ोतरी होती है. कंपनी अपने दावों की पुष्टि करने वाले आंकड़े अगले हफ्ते तक ड्रग रेग्यूलेटर्स को सौंप देगी.

अमेरिका में इस टीके के संबंध में फैसला लेने वाली एजेंसियों ने साफ कर दिया है कि बूस्टर डोज को अधिकृत करना एक “science-based, rigorous process” यानि की विज्ञान पर आधारित कठोर प्रक्रिया है. अगर हमारे वैज्ञानिक इस बात की पुष्टि करते हैं तो ही बूस्टर शॉट की आवश्यकता निर्धारित होगी.

कोरोना की दूसरी लहर भारत सहित कई दूसरे देशों में कहर बरपा चुकी है. कोविड के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन ही सबसे अहम हथियार माना जा रहा है. इसीलिए दुनिया भर में वैक्सीनेशन अभियान को लेकर पूरी ताकत झोंक दी गई है.

इसके बावजूद आबादी के एक बड़े हिस्से को वैक्सीन अब तक नहीं लग सकी है. ऐसे में अहम् सवाल ये है कि दोनों वैक्सीन लगने के बाद क्या ये तीसरा बूस्टर डोज वाकई आवश्यक है. क्योंकि दुनिया भर के कुछ वैज्ञानिक भी इस बूस्टर डोज को लेकर सवाल उठा चुके हैं.

Published - July 10, 2021, 06:16 IST